पड़ोसन देसी आंटी की चुदाई

हॉट लेडी फकिंग कहानी में मेरे पड़ोस की आंटी मुझे पटाने की कोशिश कर रही थी. आंटी मस्त सेक्सी थी तो मैं भी उनसे सेट हो गया. एक दिन मैं अकेला था, वे मेरे घर आई. “Sexseen

sex stories in hindi

मेरा नाम विक्रम है और मैं अहमदाबाद में रहता हूँ. मैं अकाउंटेंट की जॉब करता हूं.

sex stories in hindi

यह हॉट लेडी फकिंग कहानी आज से दो साल पहले की है.

उस समय हमारी कॉलोनी में हमारे सामने के घर में एक परिवार रहने आया था.
उस परिवार में पति पत्नी और दो बच्चे थे.

पति का नाम राजू और पत्नी का नाम सुमन था.
सुमन आंटी दिखने में एकदम हॉट माल लगती थीं. उनके बूब्स बहुत बड़े और कड़क थे.

मैंने जब पहली बार आंटी को देखा था तो उसी समय मेरा लंड खड़ा हो गया था.
आंटी की नजरें भी मुझसे टकरा गई थीं और वे हल्के से मुस्कुरा दी थीं.

मैंने समझा था कि शायद आंटी ने मेरी नजरों को भांप लिया था इसलिए वे मुस्कुरा रही थीं.
उस वक्त तो मैं जरा सकुचा गया था कि कहीं उन्होंने मुझे गलत न समझ लिया हो.

हालांकि मैं गलत ही तो था कि उनको चोदने की नजर से देख रहा था.
पर कुछ भी कहें … उस वक्त मेरी फट गई थी.

कुछ दिन बाद सब लोग अपने अपने काम में लग गए.

बाद में मुझे उनके बारे में जानकारी लगी कि अंकल वेल्डिंग का काम करते थे और आंटी का नाम सुमन था.
वे सिलाई का काम करती थीं.

sex stories in hindi

उनके दोनों बच्चे छोटे थे और वे स्कूल जाते थे.

आंटी की मेरी मम्मी के साथ अच्छी दोस्ती हो गई थी क्योंकि मेरी मम्मी भी सिलाई का काम जानती थीं.

सुमन आंटी कुछ मदद के लिए मेरी मम्मी से मिलने अक्सर आने लगी थीं.
उनसे हमारे परिवार के अच्छे ताल्लुकात हो गए थे.

मैं सुबह जब भी एक्सरसाइज करता तो आंटी मुझे घूर घूर कर देखा करती थीं.

मैंने भी यह नोटिस किया तो मैं भी समझ गया कि आंटी शायद चुदासी हैं.
उनको मुझमें एक चोदने वाला मर्द नजर आने लगा है.

अब मैं तो खुद उनकी सवारी करना चाहता था तो बिना टी-शर्ट के उनके सामने एक्सरसाइज करने लगा था.

जब भी आंटी कपड़े सुखाने छत पर जाती थीं तो मैं उन्हें छुप कर देखा करता था.
उनका सेक्सी सीना और उठी हुई गांड देख कर मैं मुठ मार लेता था.

sex stories in hindi

आंटी का फिगर 34-30-36 का था.

एक बार मैं मार्केट में था तो मैंने देखा कि आंटी भी पास की दुकान में थीं.

मैंने उनके पास जाकर कहा- अरे आंटी आप यहाँ!
वे भी मुझे देख कर खुश हो गईं और मुझे अपने साथ खरीदारी में मदद करने को कहने लगीं.

कुछ देर बाद हम दोनों मेरी बाइक पर साथ में ही घर वापसी के लिए तैयार थे.
पहले तो आंटी ने औपचारिकतावश मना किया- अरे रहने दे … मैं रिक्शा से चली जाऊंगी.

मैंने अपनापन दिखाते हुए कहा- अरे वाह, यह क्या बात हुई. मुझे कौन सा आपको कंधों पर बिठा कर ले जाना है. आपको बाइक पर ही तो बैठना है, बस उसमें क्या है!

अब वे मान गईं.

sex stories in hindi

मार्केट का काम खत्म करके हम दोनों साथ में घर आने लगे थे.

रास्ते में जब भी मैं ब्रेक मारता तो उनके चूचे मेरी पीठ पर टच होते थे.

उनके चूचों के स्पर्श से मेरा लंड खड़ा हो रहा था.

वे भी शायद इस बात को समझ रही थीं तो जरा सा भी जर्क लगने पर अपने दूध मेरी पीठ पर रगड़ने में एक पल भी नहीं लगा रही थीं.

इस तरह से घर पहुंच कर आंटी ने मुझसे कहा- तेरे कंधे तो बड़े मजबूत हैं.
मैंने उनके दूध देखते हुए कहा- हां होंगे ही … मैं रोज एक्सरसाइज करता हूं.

इस पर वे मुस्कुराईं और बोलीं- चलो साथ में चाय पीते हैं.
मैंने कहा- मैं चाय नहीं पीता.

इस पर वे झट से बोलीं- तो दूध पियोगे?
मैंने कहा- नहीं, आज कॉफी पीने का जी कर रहा है.

वे मुस्कुरा दीं और मेरे लिए झट से कॉफी बनाने के लिए किचन में आ गईं.

मैंने उनकी कमर देखी तो मन हुआ कि पीछे से पकड़ कर उनके गाल पर चूम लूं.

पर मैंने अपने आप को कंट्रोल किया और सोफे पर बैठ कर उनकी कमर निहारने लगा.

कुछ देर बाद वे कॉफी बना कर लाईं और हम दोनों ने साथ में पी.

मैंने कहा- ऐसी कॉफी मैंने आज तक नहीं पी!
उन्होंने कहा- तुम मजाक कर रहे हो न!
मैंने कहा- नहीं आंटी सच कह रहा हूं.

sex stories in hindi

हम दोनों मुस्कुराने लगे.

कॉफी पीते हुए हम दोनों यहां वहां की बातें करने लगे.

आंटी अपने पति की व्यस्तता के बारे में बताने लगीं.
मैं उनकी भावना समझ रहा था कि वे अपनी प्यास को छिपे हुए शब्दों में कह रही हैं.

मैंने उन्हें कहा भी- यदि अंकल व्यस्त रहते हैं तो मैं तो हूँ … आप मुझे काम बता दिया करें.
वे कहने लगीं- हां मैं कई बार सोचती हूँ कि तुमसे कुछ काम के लिए कहूँ, पर यह सोच कर रह जाती थी कि तुम अपने काम में ही व्यस्त रहते होगे.

यही सब बातों से हम दोनों ने एक दूसरे के मन की थाह ली और मैं अपने घर चला गया.

कुछ ही दिन हुए थे कि आंटी मेरे काफी करीब हो गई थीं और अब वे मुझे फोन करके किसी भी काम के लिए कह देती थीं.
मैं भी समझ रहा था कि आंटी के मन में क्या चल रहा है.

फिर यह तब की बात है, जब मेरे घर पर कोई नहीं था.
उस वक्त मैं कंप्यूटर पर पोर्न देख रहा था.

तभी मेरे घर की डोरबेल बजी.
मैंने आवाज दी- कौन?

तो आंटी ने आवाज दी- मैं हूँ.

मैंने कंप्यूटर बंद किया और दरवाजा खोला, मैंने आंटी को अन्दर आने का कहा और उनसे पूछा.
तो उन्होंने कहा कि मैं अपना ब्लाउज लेने आई थी. तुम्हारी मम्मी किधर हैं?

मैंने उन्हें बताया- आंटी, मम्मी तो आज किसी काम से बाहर गई हैं और वे देर रात तक वापस आएंगी. आप अन्दर आकर खुद ही देख लीजिए कि आपका ब्लाउज कौन सा है.
आंटी ने अन्दर आकर देखा और अपना ब्लाउज निकाल कर देखने लगीं.

sex stories in hindi

वे बोलीं- यही तो है. तुम्हारी मम्मी ने तो इसे बड़ा अच्छा सिला है!
मैंने उनको वह ब्लाउज ले जाने के लुए कह दिया.

वे बोलीं- एक बार फिटिंग चैक कर लूँ!
मैं चुप हो गया कि क्या कहूँ?

वे ब्लाउज लेकर बाथरूम में चली गईं और उधर उन्होंने अपने ब्लाउज को उतार कर एक नए ब्लाउज को पहन लिया.
अब चूंकि मेरे घर के बाथरूम में दर्पण नहीं लगा था तो वे ब्लाउज पहने हुई ही बाहर आ गईं और अपनी साड़ी के पल्लू को हटा कर मुझे अपने दूध दिखाने लगीं.

सच में आंटी ने बहुत ही गहरे गले वाला ब्लाउज सिलवाया था. यूं समझो को दोनों चूचों के निप्पल भर ढके थे बाकी सारा मैदान नुमाया हो रहा था.

उनके दोनों दूध देख कर मेरे लंड में फुरफुरी आ गई और उसने झटका देते हुए लोअर में फन फैला दिया.

मैं पहले से ही एक चुदाई की फिल्म देख कर गर्म हुआ पड़ा था और ऊपर से आंटी ने अपने मम्मों की झांकी दिखा कर मेरे लंड में आग लगा दी थी.

उस वक्त मैंने आंटी को काफी करीब से देखा.
उनका फिगर देखा कर मेरा लंड खड़ा हो गया और आंटी ने नोटिस कर लिया.

आंटी बोलीं- ब्लाउज कैसा लग रहा है?
मैंने अपनी तंद्रा तोड़ते हुए कहा- आह … सच में बड़े ही मस्त हैं.

वे हंसने लगीं और बोलीं- कितने मस्त हैं?
मैंने उनकी चूचियों को अपनी आंखों से मसलते हुए देखा और लंड को सहलाते हुए कहा- एकदम रसीले आम जैसे!

sex stories in hindi

मैंने न जाने किस झौंक में यह कह दिया था … इसका असर भी तुरंत हुआ.
उन्होंने अचानक से आगे बढ़ कर मेरा लंड पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगीं.

मैं तो चौंक गया.

आंटी मेरा लंड पकड़ कर वासना भरे स्वर में बोलीं- कब से तेरा इंतजार कर रही थी … अब नहीं छोड़ूँगी!
ऐसा कह कर आंटी ने मेरे लोअर को नीचे खींच दिया और चड्डी में हाथ डाल कर लंड पकड़ लिया.

मैंने भी उनकी साड़ी हटा दी और अपनी टी-शर्ट निकाल फेंकी.
अब मैं सिर्फ चड्डी में था.

मैंने आंटी को गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया, अपने बेड पर पटक कर मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके होंठ चूसने लगा, उनके बूब्स दबाने लगा.

करीब पांच मिनट तक मैंने उन्हें किस किया, फिर उनकी आधी लटकी साड़ी उतार कर अलग कर दी.
फिर जल्दी जल्दी ब्लाउज और ब्रा को भी उतार दिया.

उनके रसीले दूध मेरे सामने अनावृत हो गए थे.
मैं अपने दोनों हाथों से उनके मम्मों पर टूट पड़ा.
उनके मम्मों को मैं कभी काटता तो कभी चूसता.

वे भी ‘आह … आह …’ की आवाज़ निकालती हुई मेरे साथ रमण करने लगी थीं.

आंटी खुद अपने हाथ से अपने एक दूध को मेरे मुँह में देने की कोशिश कर रही थीं.

मैं भी उनके दूध को अपने मुँह में पूरा भरने की चेष्टा करता हुआ जोर जोर से चूसने लगा.

कुछ ही देर में मैंने उनकी दोनों चूचियों को लाल कर दिया.

अब मैं उनके पेट पर अपनी जीभ से चाट रहा था.
उनका कोमल पेट चाट कर मुझे बड़ा ही आनन्द आ रहा था.

अब आंटी मेरा लंड चूसना चाहती थीं, तो मैंने अपनी चड्डी उतार दी.

मेरा लम्बा मोटा लंड देख कर आंटी खुश हो गईं और मेरा लंड चूसने लगीं.

आंटी लौड़े को ऐसे चूस रही थीं कि मुझे तो जन्नत सा मजा आ रहा था.
मैं बिस्तर पर लेटा हुआ था और आंटी मेरे सारे बदन पर खेल रही थीं.

वे लंड को चूसतीं और अचानक से ऊपर आकर मेरी छाती के निप्पलों पर किस करने लगतीं तो कभी मेरे बाजुओं की मछलियों पर किस करने लगतीं.

sex stories in hindi

कुछ देर चुम्मा चाटी के बाद मैंने उनको उठाया और उनकी पैंटी उतार दी.
मैं आंटी की चूत चाटने लगा.
उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.

शायद वे आज मुझसे चुदने की चाह में अपनी झांटों को साफ करके आई थीं.

मैं उनकी बिना बालों वाली चूत देख कर एकदम पागल सा हो गया. मैं अपनी जीभ उनकी चूत में डाल कर चाटने लगा.

वे भी मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में घुसाने लगीं और चिल्लाने लगीं- आह चाट इसको … आह जल्दी जल्दी चाट मादरचोद … आह आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दे!

मैं भी उनकी चूत में उंगली डालने लगा.
वे मेरी एक उंगली महसूस करके बोलीं- साले एक उंगली से क्या होगा!

मैंने अपनी दो उंगलियां उनकी चूत में डाल दीं.

कुछ देर बाद वे अपनी गांड उठाती हुई मेरे मुँह पर झड़ गईं.

अब असली मजा आने वाला था, वे भी चुदने के लिए मचल रही थीं.
मैंने उन्हें चुदाई की पोजीशन में लिटाया और उनकी चूत पर अपना लंड सैट करके घुसेड़ने की कोशिश करने लगा.

मेरा लंड लंबा और मोटा था तो आंटी को लंड लेने में दिक्कत हो रही थी.
फिर जब मैंने थूक लगा कर उनकी चूत में लंड पेला तो सट से घुस गया और उन्हें हल्की सी पीड़ा हुई.

मैं बेपरवाह मदमस्त सांड की तरह आंटी की चूत चोदने लगा.
आंटी की आह आह की मादक आवाज निकलने लगी.

वे अपनी दोनों टांगें हवा में उठाए हुए लंड से लोहा ले रही थीं.
मैं भी इतनी तेज रफ्तार से चोद रहा था कि मेरा बेड हिलने लगा था.

sex stories in hindi

पूरे कमरे में ‘फच फ़च …’ की आवाज आने लगी थी.
अब मैं उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर उन्हें रगड़ कर चोदने लगा.

दस मिनट तक ताबड़तोड़ चोदने के बाद मैंने उनको डॉगी स्टाइल में आने को कहा.
वे झट से कुतिया बन गईं और मैं पीछे से लंड पेल कर आंटी की चूत चोदने लगा.

वे कामुक सिसकारियां भरने लगीं.

चूत चोदते हुए बीच बीच में मैं उनकी गांड पर काट देता और उनके चूतड़ों पर थप्पड़ मारने लगा.
उनके दोनों चूतड़ लाल हो गए थे.

कभी मैं उनकी पीठ पर चूमता, तो कभी उनके मुँह को अपनी तरफ करके उनके होंठों को चूमने लगता.

हम दोनों को सेक्स करने में काफी मजा आ रहा था.

वे अब तक दो बार झड़ चुकी थीं और बराबरी से मेरा साथ दे रही थीं. मैं भी मस्त होकर उनको चोद रहा था.
अब फिर से आसन बदला और इस बार मैं आंटी को अपने लौड़े के ऊपर बीठा कर चोदने लगा था.

आंटी को चोदते हुए मैं उनके होंठों पर काट देता था. उनके दोनों स्तनों को थप्पड़ मार कर अपने मुँह में डाल कर चूसने लगता था.

वे भी मेरा सर पकड़ कर अपने मम्मों में दबाने लगीं.
वे कह रही थीं कि काश मेरा पति भी मुझे इस तरह चोदता … हाय मेरी जान … मुझे अपनी बीवी बना ले और रोज मेरी चूत चुदाई करना शुरू कर दे.

मस्त चुदाई के बाद अब झड़ने की मेरी बारी थी तो मैं उनकी चूत को हार्डकोर स्टाइल में चोदने लगा.

उनकी चूत भी लाल हो गई थी और मैं लगातार जोर जोर से चोदे जा रहा था.
अपने जिस्म को आंटी के जिस्म से सटा कर मैंने कुछ तेज तेज झटके मारे और उनकी चूत में झड़ गया.

करीब दस मिनट की हॉट लेडी फकिंग के बाद हम दोनों बाथरूम में गए और एक दूसरे को साफ़ किया.

sex stories in hindi

मैंने बाथरूम में भी आंटी को चोदा.
चुदाई के बाद हम दोनों ने फिर से एक दूसरे को नहला कर साफ़ किया.

ऐसी शानदार चुदाई के बाद आंटी अपने घर चली गईं.
जाते हुए उन्होंने मुझे एक लंबी किस दी.

अब हम दोनों रोजाना कॉल पर सेक्सी बात करते और मुझे जब भी मौका मिलता, मैं उनके घर जाकर उनको चोद आता था.
पर अब शायद उनकी चुदाई की खबर उनके पति को हो गई थी तो वे लोग कहीं और शिफ्ट हो गए हैं.

आंटी ने फोन पर मुझे अपने नए घर का एड्रेस दे दिया है.
कभी जब आंटी घर पर अकेली होती हैं, तो मैं वहां जाकर आंटी को चोद लेता हूं.

हॉट लेडी फकिंग कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज मुझे जरूर बताएं.
sharmavinit937@gmail.com

Leave a Comment