सगी मौसी मेरी गर्लफ्रेंड बनकर चुदीं

मौसी Xxx पोर्न कहानी में पढ़ें कि मैं मामा के घर गया तो वहां कुंवारी मौसी को देखकर मेरा मन मौसी की चुदाई का होने लगा. मैं मौसी को पटाने के तरीके आजमाने लगा.

मैं कामदेव हूँ.

मैं इन्सेस्ट सेक्स भी पसंद करता हूँ.
यह Mausi Xxx Porn Kahani ऐसी ही है.

हायर सेकेड्री परीक्षा देकर गर्मी छुट्टी में मेरे मामा जी के घर गया था.
वे गांव में रहते हैं.

उनके घर में मेरे मामा मामी और मेरी छोटी मौसी रहते थे.
मेरी मौसी का नाम लता है.

जब मैंने उन्हें चोदा था, तब वे कुंवारी थीं और कालेज जाती थीं.
उस समय मेरी मौसी घर में स्कर्ट टॉप या मैक्सी पहनती थीं.
वे कालेज जाने समय सूट पहनती थीं.

पर वे जो भी पहनी होती थीं, मस्त लगती थीं और एकदम सेक्सी सेक्सी माल लगती थीं.

लता मौसी घर में कभी कभी ही ब्रा पहनती थीं.
तब उनकी ब्रा का साइज़ 32 नंबर का था.
वे अधिकतर ब्रा नहीं पहनती थीं, उस वजह से जब वे चलती थीं, तब उनके बूब्स हिलते रहते थे.

मेरा मन करता था कि मैं मौसी के पास ही रहूं.
मेरी मौसी घर में अपने कपड़ों का ध्यान नहीं रखतीं. स्कर्ट पहनने से कभी उनकी जांघ दिख जाती, कभी कभी तो पैंटी भी.
मैं देखता रहता था.

मेरा उनकी जांघों को छूने का मन करता.
मैं मौसी के आस पास ही रहता तो उनकी छाती के उभारों पर मेरी नजर बनी रहती थी.

मेरा बड़ा मन मौसी के बड़े बड़े बूब्स मसलने का करता था; उनकी पैंटी खोल कर उन्हें चोदने का भूत सा सवार हो जाता था, पर फिर शांत हो जाता.

कुल मिलाकर मैं हर वक्त बस यही सोचता रहता था कि मौसी को कैसे चोदूँ?

पढ़ाई के बहाने मैं मेरी मौसी के रूम में ही घुसा रहता, रात को भी उसके रूम में सो जाता था.

सोते समय मैं दरवाजा अन्दर से सिटकिनी लगाकर बंद कर देता था कि किसी तरह रात को मौका मिला तो मौसी के ऊपर चढ़ कर उन्हें चोद दूंगा.
मेरी लता मौसी रात को कभी नाईटी या दिन में पहना हुआ स्कर्ट टॉप पहन कर ही सो जाती थीं.

रात को कुछ देर तक हम दोनों पढ़ाई करते.
मैं उनसे छिपा कर मस्त राम, हेडली चेइस के रोमांटिक सेक्सी जासूसी उपन्यास पढ़ता.

सेक्स कहानी पढ़ते पढ़ते मेरा जेम्सबांड (लंड) खड़ा हो जाता और देर रात तक खड़ा रह कर जागता रहता.

बीच बीच में मौसी की ओर हल्के से आंख खुली रख कर देखता रहता.

मौसी सो जातीं और मैं जाग कर उन्हें कामुक निगाहों से देखता रहता कि कब उनकी जांघ दिख जाए या मम्मों के ऊपर से थोड़ा कपड़ा हट जाए.

कभी कभी मौसी नींद में टांग ऊपर कर देतीं, तो उनकी नंगी जांघ देख कर मेरा लंड और कड़क होकर खड़ा हो जाता.

लंड गजब टन टन करने लगता और मन करता कि सब कुछ भूल कर बस अभी जाकर मौसी को नंगी करके उनके ऊपर चढ़ जाऊं, उनकी फ़ुद्दी में अपना लंड को आंड तक घुसा कर उनको चोद दूं.

मैं मन में यही सोचता लता मौसी को जरूर चोदूँगा.
पर उन्हें कैसे पटाऊं, ये समझ में नहीं आता था.

एक रात मैं मौसी से बोला- मौसी, मुझे अकेले डर लग रहा है.
मौसी बोलीं- मत डरो, मैं हूं न!

मैं बोला- मौसी, बहुत डर लग रहा है. मैं आपके साथ सोऊंगा.
मौसी बोलीं- हां आ जा बेटा, आ जा मेरे साथ सो जा.

कभी कभी मेरी मौसी मुझे बेटा कह कर बुलातीं, खास कर मामा मामी के सामने!

मैं मौसी के साथ लेट गया.
मेरी नींद गायब थी.

मैं मौसी की ओर देख रहा था कि कब वे सो जाएं तो उनसे चिपक कर लेट जाऊं.

मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं लता मौसी के चूतड़ देख रहा था.
मस्त मखमली गांड की कल्पना दिमाग में चल रही थी कि मेरी मौसी की चोदने लायक गांड कितनी रसीली होगी.

कुछ देर बाद लता मौसी सो गईं; उनकी नाक से सों सों की आवाज आने लगी.

मैं लता मौसी से चिपक कर लेट गया.
उनकी गांड पर मेरा तना हुआ लंड टन टन कर रहा था.

मैंने डरते डरते अपना एक हाथ मौसी की कमर पर रखा.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

कुछ देर बाद लता मौसी की एक चूची पर हाथ रखा.
आह … इतना मक्खन सा दूध टच करते बहुत सारा मजा आ गया.

कुछ देर बाद मौसी सीधी हो गईं और पीठ के बल लेट गईं.
उनके मम्मों के उभार देख कर दबाने का मन हुआ.

कुछ देर तक दूध के पहाड़ देखने के बाद मैंने अपना एक हाथ उनकी छाती पर रख दिया.
मौसी की चूचियां मस्त गोल गोल और बड़ी थीं, बिना ब्रा की.

मैंने हिम्मत करके अपने हाथ को हरकत करने की छूट दे दी.
हाथ ने मौसी के दूध को सहलाया, थोड़ा सा दबाया.

अचानक मौसी जग गईं, देख कर नाराज हुईं और बोलीं- कामु, ये क्या कर रहे हो? मैं तुम्हारी मम्मी को बोलूंगी!

मैं डर गया और मैंने कहा- मौसी मैं सो रहा था । .. नींद में हो गया होगा. मैंने जानबूझ कर कुछ नहीं किया. आप इतनी नाराज क्यों हो?
मौसी बोलीं- ठीक है. सो जा चुपचाप.

मैं सोने की कोशिश करने लगा लेकिन नींद नहीं आ रही थी.
मौसी सो गईं.

मैं फिर मौसी के पीछे चिपक कर सो गया.

अगले दिन दिन फिर वही हुआ.
मैं डरने का बहाना कर मौसी के साथ सो गया.

मौसी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थीं.
जब मेरी लता मौसी सो गईं तो मैं उनसे चिपक गया.
मेरी एक टांग मौसी की कमर पर और हाथ मौसी की चूची पर.

कुछ पल रुक कर मैं उनके दूध को कपड़े के ऊपर से ही सहलाने लगा.
मेरे हाथ ने उनके निप्पल को ढूंढ लिया था.

मैंने उंगली से निप्पल को कुरेदा तो वह मुझे कुछ कड़क होता सा समझ आया.

एक बार को तो समझ में नहीं आया कि क्या निप्पल सदैव कड़क ही रहता है या मेरे स्पर्श से हो गया है.

कुछ देर निप्पल से खेलने के बाद मैंने मौसी की नाईटी ऊपर कर दी और उनकी संगमरमर सी चिकनी जांघ को सहलाने लगा.

हाथ निरंतर चूत की तरफ बढ़ने लगा और जल्द ही मौसी की पैंटी का स्पर्श मिल गया.
मैं पैंटी को छूने लगा, सहलाने लगा.

फिर पैंटी के ऊपर से ही लता मौसी की फ़ुद्दी को सहलाने लगा.

लता मौसी सो रही थीं, उनकी तरफ से कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं हो रही थी.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ी.

मैं लता मौसी की पैंटी नीचे खींचने लगा.

अब मौसी जाग गईं और बोलीं- कामु, ये क्या कर रहे हो?
मैं चुप था और बहुत डर गया था.

मौसी बोलीं- क्या हुआ बेटा? बता न!
मैंने कहा- मौसी, तुम बहुत अच्छी हो, बहुत अच्छी और …
लता बोलीं- और क्या … बताओ!

मैंने कहा- तुम बहुत सेक्सी भी हो.
लता मौसी बोलीं- वाह बेटा, तुम तो बड़े हो गए हो!
मैंने कहा- हां मौसी … बहुत मन करता है.

यह सुनते ही अचानक से लता मौसी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और चूमने लगीं.
वे मुझे चूमती हुई बोलीं- मन करता है, तो आ जा मेरी जान.

मैं भी उन्हें चूमने लगा, उनके गाल और होंठ पर मेरे होंठ चलने लगे.

मौसी ने मेरे होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और मेरे मुँह में अपनी जीभ दे दी.
आह … मां की चूत कैडबरी चॉकलेट की … क्या रस था लता मौसी की जीभ को चूसने में … अद्भुत नशा.

कुछ दस मिनट तक तो हम दोनों एक दूसरे की जीभ को चूसने का मजा ही लेते रहे.
उसके बाद मैंने लता मौसी की नाईटी को ऊपर करके उन्हें नंगी कर दिया.

आज उन्होंने अन्दर पैंटी के अलावा कुछ नहीं पहना था.
ब्रा तो पहनती ही नहीं थीं. आज पैंटी भी एकदम छोटी सी पहनी थी.
उसे जल्द ही उतार कर मैंने मौसी को पूरी नंगी कर दिया.

मैं मौसी के मम्मों को पकड़ कर दबाने लगा.
फिर एक दूध को पकड़ कर चूसने लगा और दूसरे को मसलने लगा.

लता मौसी मेरे कड़क लंड को सहला रही थीं.
वे अंडरवियर को खोलने की कोशिश कर रही थीं.

मेरा अंडरवियर नाड़े वाला था.
मैंने खुद अपने एक हाथ से नाड़ा ढीला करके अंडरवियर को खोल दिया.

लता मौसी मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं.
मैं उनकी फ़ुद्दी को सहलाने लगा और चूत में एक उंगली को डाल कर हिलाने लगा.

अन्दर का शीरा काफी चप चप कर रहा था; उंगली के कारण पानी बाहर निकलने लगा था.

मौसी बोलीं- क्या आगे भी कुछ करोगे बेटा, आज तुम्हें क्या हो गया है?
मैंने कहा- मौसी, आज तुम्हें मैं चोदूंगा.

मौसी बोलीं- जानते भी हो बेटा, चुदाई कैसे करते हैं?
मैं बोला- हां मौसी, मैं सब जानता हूं.

वे बोलीं- ठीक है राजा बेटा … तो चढ़ जा मेरे ऊपर!
मैं लता मौसी के ऊपर चढ़ गया, उनकी टांगें फैला दीं और मौसी की चूत में अपना लंड पेलने लगा.

मौसी की चूत एकदम कसी हुई थी, बड़ी मुश्किल से मेरा लंड अन्दर गया.
अन्दर जाते ही मौसी हल्की सी चिल्लाईं और कराहीं- आह कामु, दर्द हो रहा है … और अन्दर मत करो!

उनकी फ़ुद्दी का छेद वाकयी बहुत छोटा था.
मैं किसी तरह से लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

मौसी आह आह कर रही थीं.
मैं अपनी जवान मौसी को धकापेल चोद रहा था.

अब से पहले तक मैं अपने दोस्त नन्दु की गांड में गे सेक्स करता रहा था.
आज एक लड़की को पहली बार चोद रहा था.

वह लड़की भी मेरी कामुक मौसी और उनकी चूत में अपना मोटा लंड डाल कर उन्हें चोद रहा था।
सच में बहुत मजा आ रहा था.

मैं लता मौसी के गोल गोल आमों को पकड़ कर चूस रहा था.
कुछ देर में मौसी की फ़ुद्दी में मेरा बीज निकल गया ‘सर्र र्रर …’
मेरे लंड का काम तमाम हो गया.

अब तो मेरी लता मौसी मेरी हो चुकी थीं, रोज टांगें फैलाने का काम मिल गया था.

दूसरे दिन मैंने पास के शहर जाकर एक मेडिकल स्टोर से कंडोम खरीद कर रख लिए.

अब लता मौसी मेरी गर्ल फ्रेंड बन चुकी थीं.
जब भी मौका मिलता, हम दोनों चुदाई का मजा लेने लगते.

दोपहर में हम गन्ना बाड़ी चले जाते.
वहां कोई नहीं होता.
अन्दर झाड़ों के बीच मैं मौसी को जमीन पर लिटा देता और मस्त चुदाई करता.

गन्ना बाड़ी के बीच में सिंचाई के लिए एक छोटा तालाब था, हम उस तालाब में नंगे नहाते.

मेरी लता मौसी मुझे साबुन लगाकर नहलातीं, मेरे लंड में साबुन लगातीं, उसे पकड़ कर हिलातीं और ऊपर नीचे करतीं.
बहुत मजा आता.

मैं लता मौसी की फ़ुद्दी में साबुन लगाता, सहलाता, चूत के काले काले मुलायम बालों में मैं देर तक हाथ मल कर झाग निकालता.
मौसी की चूचियों में साबुन लगाकर देर तक मसलता.
मुझे मौसी की चूत और चूचियां बहुत मजेदार लगती थीं.

नहाने के बाद मैं उधर ही किनारे पर मौसी को लिटा कर उनकी चुदाई करता.
उसके बाद हम दोनों दोबारा से नहाते और घर आ जाते.

हम दोनों रात को एक ही कमरे में सोते थे.
दरवाजा अन्दर से बंद कर देते थे.

फिर मैं लता मौसी के साथ उनके बिस्तर पर ही लेट जाता.
मेरा बेड खाली रहता.

मौसी की नाईटी खोल कर निकाल देता और मैं भी नंगा होकर मौसी के साथ चिपक जाता.
उनकी चूचियों को चूमता, सहलाता, मसलता. होंठों और गाल को चूमता.

लता मौसी मुझे कस कर चिपका लेतीं और मुझे चुम्मा देतीं.
मेरा लंड खड़ा हो जाता, तो मैं कंडोम लगाकर मौसी को खूब चोदता.
उनकी चूचियों को मसलता रहता.
उसके बाद कपड़े पहन कर हम चिपक कर सो जाते.

मैं गर्मी की छुट्टी में मैं मामा के घर चला जाता.
कुछ दिन रहकर लता मौसी की चुदाई करता.
हम रात को पहले की तरह पढ़ाई करते और चुदाई भी.

मैं कुछ दिन रह कर अपने घर आ जाता.
मौसी आते वक्त कहतीं- बेटा कामु, फिर कब आओगे … जल्दी आना!

लता मौसी की शादी के बाद भी ये सिलसिला जारी रहा.

मेरी चुदक्कड़ लता मौसी की शादी हो गयी और वे शादी के बाद भी मेरी गर्लफेंड बनी रहीं.

मौसा जी कृषक हैं, वे खेती करते हैं. धान, सब्जी, गन्ना आदि उगाते हैं.
वे एक गांव में रहते हैं.

लता मौसी की शादी के बाद मैं छुट्टी में उनकी ससुराल गया.
मुझे आया देख कर मेरे मौसा मौसी खुश हो गए.

मैंने दोनों के पैर छूकर प्रणाम किया.
लता मौसी साड़ी में गजब की खूबसूरत लग रही थीं, उनका खुला पेट बहुत सेक्सी लग रहा था.

शादी के बाद वे सेक्सी सेक्सी परी लग रही थीं.

मैं बस की यात्रा कर थक गया था.
नहाने के बाद भोजन करके मैंने मौसी से कहा- मौसी, बहुत थक गया हूँ. कुछ देर सोऊंगा.

मौसी ने मेरे लिए बिस्तर लगा दिया और कहा- आओ कामु बेटा, लेट जाओ. मैं पैर दबा देती हूं.
मैं लेट गया.

मेरी लता मेरे बाजू में मेरे बेड में ही बैठ गईं
वे मेरे दोनों हाथ में तेल लगाकर मालिश करने लगीं. वे मेरे दोनों हाथों को अपनी गोद में रख कर ऐसा कर रही थीं.

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
उनकी जांघ पर मेरी हथेली थी.
मेरा मन कर रहा था कि उनकी फ़ुद्दी को सहलाने लगूँ.
पर मैं उनकी तरफ से कुछ शुरू होने का इंतजार कर रहा था.

कुछ देर बाद मौसी ने मेरी लुंगी को ऊपर कर दिया और वे मेरे पैरों में तेल लगाने लगीं.
आहा, बहुत अच्छा लग रहा था.

मैं सोच रहा था कि काश अभी लता मौसी मेरे लंड में भी तेल लगाकर सहला दें और उसे हिला दें.

लता मौसी बहुत अच्छे से तेल लगाकर मालिश कर रही थीं.
उन्होंने पांव, पिंडली फिर जांघ पर हाथ फेरा, तो सच में मजा आने लगा था.

मेरा लंड खड़ा हो गया था, एकदम नब्बे डिग्री पर तना हुआ था. टन टन कर रहा था.

उस समय मौसा जी किसी काम से बाहर चले गए थे, घर में और कोई नहीं था.
मौसा जी के माता पिता उनके भाई के साथ रहते थे.

मौसी की नजर कपड़ों के ऊपर से मेरे खड़े लंड पर पड़ी.
वे मुस्कराकर बोलीं- बेटा, ये क्या हुआ इसको?
मैंने कहा- डार्लिंग, ये तुम्हारी फ़ुद्दी को बहुत मिस कर रहा है.

मौसी बोलीं- सच, मैं तुम्हें बहुत याद करती हूं.
उन्होंने पैंट के ऊपर से मेरे लंड पर हाथ रख दिया.

जब उन्होंने लंड को सहलाया तो बहुत अच्छा लगा.
मैं मौसी की जांघ को सहलाने लगा, उनकी साड़ी खिसकाने लगा.

मौसी बोलीं- तुम बहुत चोदू हो.
वे मेरे लंड को सहला रही थीं.

मैंने कहा- लता मेरी डार्लिग, तुम बहुत मस्त चोदरी हो. मेरी गिहाली चुदक्कड़ मौसी, चलो एक दौर अभी हो जाए.

पोर्न मौसी बोलीं- नहीं कामु, अभी नहीं. रात को. भोजन करने के बाद तुम्हारे मौसा रामायण गाने जाने वाले हैं. गांव में ये कार्यक्रम पांच दिन चलेगा. तुम बेफिक्र होकर मेरी ले लेना.

मैं लता मौसी के दूध पकड़ कर मसलने लगा।
उन्हें मैंने अपने सीने से चिपका कर उनके होंठों को चूमा, जीभ को चूसा.

फिर रात को भोजन के बाद मौसा जी बोले- लता, मैं जा रहा हूँ. बारह बजे तक आऊंगा. मेन गेट बंद कर लो.

Xxx मौसी सिटकिनी लगा कर रूम में आ गईं.

मैंने लता मौसी को चिपका लिया और मैं उनके होंठ गाल को चूमने लगा.

लता मौसी बोलीं- ओह मेरे कामु, रुको. पहले मुझे ये सब गहने कपड़े उतारने दो.

वे बेड पर बैठ कर अपने गहने उतारने लगीं, फिर साड़ी ब्लाउज उतारने लगीं.

मैंने उन्हें पीछे से जकड़ लिया.
उनकी चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा.

मौसी बोलीं- कामु, बस जरा और रुक. नाईटी पहन लेने दो.

मैंने कहा- यार, अभी कुछ मत पहनो, बाद में पहन लेना. ये ब्रा भी उतारो, पैंटी भी.

मैं ब्रा का हुक खोल कर दोनों हाथ से उनकी चूचियां पकड़ कर चूसने लगा.

फिर मैंने उनकी पैंटी को निकाल कर मैंने उन्हें बेड पर सीधा लिटा दिया.

मैं लुंगी, अंडरवियर निकाल कर नंगा हो गया और मौसी के ऊपर चढ़ गया, बोला- मौसी, तुम्हारी शादी के बाद आज अच्छा मौका मिला है. खूब चोदूंगा!
वे बोलीं- हां कामु, चोद दे … आज मुझे तुम खूब चोदो.

मैंने मौसी की गांड के नीचे तकिया रखा, उनकी टांगों को फैला कर चूत में लंड डाल दिया.

मैं उनके दोनों दूध मसलता रहा, चोदता रहा, फच पच की आवाज आती रही.
मैंने खूब चोदा.

मैं लता मौसी के घर एक सप्ताह रहा.
मौसा जी की अनुपस्थिति मौका पाते ही मैंने रोज लता मौसी की चुदाई का मजा लिया.

मौसी की शादी के बाद कई साल तक छुट्टी में मैं मौसी के घर जाता रहा.

उधर एक सप्ताह या दस दिन तक रहता.
जब मौका मिलता, बिना कंडोम लगाए मौसी को चोद देता.

उनके तीन बच्चे हुए हैं.
हो सकता है उनमें से कोई मेरा हो.

एक बार छुट्टी में मैं अपने एक दोस्त के साथ मौसी घर गया.

मेरा वह दोस्त मेरा बचपन का दोस्त है. मेरा बहुत अच्छा दोस्त, मेरा हमराज.

मैं उसे सब कुछ बता देता था.
वह मुझसे अपनी गांड भी मरवाता है.

हम मौसी के घर 4 दिन रुके थे.

दूसरे दिन मौसा कुछ मजदूरों को लेकर गन्ना बाड़ी जाने वाले थे.

मैंने अपने दोस्त से मौसा जी के साथ गन्ना बाड़ी जाने के लिए कहा- तुमने खेत नहीं देखे होंगे, मौसा जी के साथ चले जाओ, देख लेना. कुछ गन्ना भी ले आना. साथ में खाएंगे.
दोस्त ने मुझे भी साथ चलने के लिए कहा.

मैं दोस्त से बोला- मुझे मौसी से कुछ काम है, मैं नहीं जाऊंगा.

मेरा दोस्त समझ गया और मुस्कराकर धीरे से बोला- ठीक है. तुम मौसी को चोद लो.
वे सब बाड़ी चले गए.

मौसी ने अपने बच्चों को खेलने के लिए बाहर भेज दिया.

मैं समझ गया कि रास्ता साफ है, मैं मौसी को खींच कर रूम में ले गया, उनकी साड़ी खोलने लगा.
मौसी बोलीं- रुक जा बेटा, मैं खोल देती हूं.

लता मौसी ने ब्लाउज के बटन खोले … ब्रा नहीं पहनी थी.
मैं उनके दूध पकड़ कर मसलने लगा.

मौसी अपनी साड़ी पेटीकोट ऊपर कर बेड में बैठ गईं.

मैंने लंड निकाल कर लता की फ़ुद्दी में पेला और उन्हें खूब चोदा.
तब मैंने उनकी फ़ुद्दी में ही बीज छोड़ दिया.

बाद में मेरे दोस्त ने पूछा- क्या किया?

मैंने बताया कि आज भी बिना कंडोम लगाए Xxx मौसी को खूब चोदा.
वह बोला- साले, तुम्हारे मजा हैं.
मैंने कहा- मेरी मौसी बहुत चुदक्कड़ हैं. तुम चाहो तो कोशिश करो. वह मान जाएंगी. कल मौसा जी के साथ मैं गन्ना बाड़ी चला जाउंगा.

दूसरे दिन मैं बाड़ी चला गया.
मौसा और बच्चे भी साथ में गए थे.

घर में मेरी मौसी और मेरा दोस्त था, उसने मौसा जी तबीयत खराब है का बहाना बना दिया था.

मैं सोच रहा था कि मेरा दोस्त आज मेरी मौसी को पटा रहा होगा, चोद रहा होगा.
लेकिन कुछ देर में मेरा दोस्त गन्ना बाड़ी में आ गया.

मैंने धीरे से पूछा- क्या हुआ?
उसने बताया- यार मुझे डर लगा. पहले मैं लता मौसी के पास रसोई में गया.

लता मौसी ने कहा- क्या हुआ … क्यों नहीं गए बाड़ी! जाओ चले जाओ.
मैं डर गया और बाड़ी में चला आया.

मेरा दोस्त औरत के नाम से झिझकता है और बहुत डरता है, किसी को प्रपोज नहीं कर सकता.
हां कोई लड़की सामने से उसे चोदने के लिए कहे तो वह पक्का चोद डालेगा.
लेकिन ऐसा कोई लड़की नहीं कहेगी.

मैं अपनी पहले की कहानी में बता चुका हूँ कि मैं अपने इसी दोस्त की गांड में लंड पेल कर चोदता हूं लेकिन वह नहीं चोदता.
जबकि उसका लंड मुझसे थोड़ा बड़ा है.

मैं ही उसके साथ गे सेक्स के लिए पहल करता हूँ … लेकिन वह कभी पहल नहीं करता.

इस तरह मेरी पोर्न मौसी लता मेरी गर्लफ्रेंड बन गयी थीं.

अब मैं उनके घर हर साल नहीं जाता.
लता मौसी मेरे लंड से कई साल तक बहुत चुदाई करवाती रहीं.

वे दो लंड का मजा लेती रहीं, एक अपने पति का और एक मेरे लंड का.

आपको मौसी Xxx पोर्न कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं

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