बस में अजनबी से रातभर चुदी

ट्रेवल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी सास को लेकर रात की बस से लम्बी यात्रा कर रही थी. बस में कैसे मेरी चुदाई का जुगाड़ बना और कैसे मैंने सेक्स का मजा लिया? “wild sex kahani”

नमस्कार दोस्तो, मैं आपकी अंजलि ठाकुर … अंतर्वासना पर मेरी खुली चूत से सबको प्रणाम।

मेरी उम्र 29 साल की है और मेरा फिगर 34C-30-34 का है। मेरी बाहर निकली गांड और बड़ी बड़ी भरी हुई चूचियों को देखकर ज़वान से लेकर बुड्ढा भी अपने लंड पर हाथ फेरने को मजबूर हो जाते हैं।

दोस्तो, जैसा कि आपने मेरी पिछली कहानी
ममेरे भाई के लंड से मैं चुद गयी
में पढ़ा कि मेरे पति आर्मी में हैं और वो ड्यूटी के लिए बाहर रहते हैं.
इसलिए मेरी गान्ड और चूत भी लंड के लिए तड़पती रहती है।

लेकिन मेरे सास ससुर के रहते में बस लंड को याद करके रात में अपनी उंगली से ही चूत को शांत करके सो जाती।

मेरे मुहल्ले में सबकी नजर मुझ पर हमेशा रहती थी और लड़के बुड्डे सब मुझे अपनी नज़रों से चोदते थे।
मेरी बड़ी गांड और जुल्फों में जाने कितनों का दिल अटका हुआ था।

मैं दिन भर घर का काम करती अंतर्वासना पर कहानी पढ़ती और रात में पति से बात करने के बाद चूत में उंगली करके पानी निकाल कर सो जाती।

अब मैं मेरी ट्रेवल सेक्स कहानी बताती हूँ.

मैं जम्मू में रहती हूँ. एक दिन मेरी सास को लेकर मुझे पी जी आई चंडीगढ़ जाना था, वो बीमार थी।
हमने पहले से टिकट नहीं ली थी रात की. जिस स्लीपर बस में हम चढ़े, उसमें बैठने की एक ही सीट मिल सकी और जाना भी जरूरी था।

अपनी सास को मैंने नींद की गोली दी, वो खाकर चादर ओढ़कर सो गई।
मैं पास की सीट में गांड सटाकर खड़ी हो गई।

मैंने पीठ से खुली गुलाबी कुर्ती पहनी हुई थी जिसमें लाल ब्रा से मेरी चूची बाहर निकलने को हो रही थी।

नीचे लाल पैंटी और काली पजामी पहनी हुई थी. मेरी 34 की गांड बाहर को निकली हुई है।

बस अपनी रफ़्तार से चल रही थी और अंदर अंधेरा था।

अचानक से मुझे लगा जैसे किसी ने मेरी गान्ड पर हाथ लगाया हो।
अंधेरे में मुझे कुछ नहीं दिखा लेकिन मुझे अच्छा भी लगा।

थोड़ी देर बाद फिर से मेरी गान्ड पर हाथ चलने लगा.
मुझे बहुत मजा आ रहा था लेकिन मैंने मन को काबू करके एकदम से अपनी गांड हटा ली और मैंने पीछे मुड़कर देखा तो अंधेरे में ज्यादा नहीं दिखा लेकिन कोई लड़का था।

मैंने उसकी तरफ गुस्से से देखा.
वो कुछ नहीं बोला और अपने लंड पर हाथ फेरने लगा।

सच बोलूं जब वो मेरी गान्ड में हाथ फेर रहा था तो मुझे भी मजा आने लगा था।

अब मैं सोचने लगी कि यह मैंने क्या कर दिया … और अपने आप पर गुस्सा करने लगी।

कुछ देर बाद फिर मेरी गान्ड में उसका हाथ चलने लगा.
मुझे भी उसका ये सब करना अच्छा लगने लगा।

बस अपनी फुल स्पीड पर चल रही थी और सब सो चुके थे।

अब उसने अपने हाथों को धीरे धीरे मेरी कमर पर फेरना शुरू कर दिया मैं चुपचाप खड़ी हुई थी।
उसको जैसे कोई डर ही नहीं था।

अब मैं भी गर्म हो चुकी थी और समझ गई कि आज की रात मेरी चूत में सिर्फ उंगली नहीं, लंड भी जाने वाला है।
रात को 11 बज चुके थे और हमें सुबह 6 बजे तक पहुंचना था।

अब मैं घूम गई, उसने मेरे दोनों कबूतरों को अपने हाथों में लेकर दबाना शुरू कर दिया।
उसने धीरे से कहा- अंदर केबिन में आ जाओ।
वो शायद बस के स्टाफ में से था.

मैंने एक बार अपनी सास को देखा.
वो गोली खाकर गहरी नींद में सो रही थी.
मैंने चादर से उन्हें ढक दिया।

अब मैं केबिन में आ गई और उसने अंदर से बंद करते ही मुझे चूमना शुरू कर दिया.
मैं भी जोश में आ गई और उसका साथ देने लगी।

हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
उसने मेरी कुर्ती उतार दी और ब्रा खोल दी.
अब वो मेरे बूब्स चूसने लगा।

आज बहुत दिनों बाद कोई मर्द मेरे जिस्म से खेल रहा था।

अब उसने मेरी पजामी और पैंटी एक साथ उतार कर फेंक दी और मैं पूरी नंगी हो गई।
वो अब मेरे शरीर को चूमने लगा और उसने अपनी बनियान उतार दी।

वह पहले से ही बनियान और अंडरवियर में था.

उसने मुझे कहा तो मैंने उसकी अंडरवियर उतार दी.
अब उसका मोटा 7 इंच का लंड मेरे हाथ में आ गया जो गर्म हो चुका था।
वो शायद पहले से ही चुदाई के लिए तैयार हो चुका था।

उसने मुझे उसका लंड चूसने को कहा और मैं उसके लंड को चूसने लगी।
उसका लौड़ा मेरे मुंह में पूरा नहीं आ रहा था।

उसने झटके लगाने शुरू कर दिये और लंड गले तक अंदर बाहर करने लगा।
आज पूरे 2 माह बाद मेरे मुंह में लंड था।

अब मैं लंड को अंदर बाहर करने लगी और वो तेजी से कमर चलाने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने मेरे मुंह में लावा निकाल दिया जो मेरे गले से अंदर चला गया और बाहर निकलने लगा।

अब उसने लंड निकाल लिया और मुझे नीचे लिटा दिया और मेरी चूत में अपना मुंह लगाकर चाटने लगा।
वो अब अपनी जीभ मेरी गीली चूत में घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा।

अब मैं झटपटाने लगी और मेरी सिसकारियां निकलने लगी.
उसने मेरे मुंह को बंद कर दिया।

अब वो जीभ से मेरी चूत चोदने लगा.
मेरी चूत कसने लगी और उसने पानी की धार छोड़ दी.
उस लड़के ने सब चाट कर के पी लिया।

उसने मेरे बारे में पूछा तो मैंने सब बता दिया।
उसने बताया कि वो जम्मू में रहता है और काम से चंडीगढ़ जा रहा है।

थोड़ी देर बाद उसने फिर से चूमना शुरू कर दिया और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए।
मैंने कहा- अब मेरी चूत में लन्ड डालो।

उसने मुझे लिटा दिया और ऊपर आकर चूत में लन्ड रख दिया और एक झटके से लगभग पूरा लंड घुसा दिया।

मैं ऊईई ईई ओई सीईईईई ईईई करके चिल्लाने लगी।
अंधेरे में मुझे उसके लन्ड का अंदाजा नहीं लगा।
मेरी चूत में उसका लंड जैसे ही अंदर जाता तो मेरी जान निकल जाती।

उसने अचानक से अपनी रफ़्तार और तेज़ कर दी और अंदर-बाहर करने लगा। उसके इस हमले से मैं बिल्कुल अनजान थी।
अब मेरी चूत फटने वाली थी।

उसने मेरी चूचियां को मुंह में लेकर काटना शुरू कर दिया। उसने मेरे मुंह को अपने हाथों से बंद कर दिया और मेरी चूत में झटके पे झटके लगाने लगा।
मेरी चूत उसके सामने हार गई और पानी छोड़ दिया।

चूत रस से उसका लंड गीला हो गया और अंदर तक जाने लगा।
वो एक पुराने खिलाड़ी की तरह चुदाई कर रहा था।

अब मैं भी गर्म हो गई और अपनी गांड ऊपर उठा कर लंड लेने लगी।

उसने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से पकड़ कर चोदने लगा अब वो मेरे बूब्स पकड़कर तेजी से अंदर-बाहर करने लगा।
बस में हो रही इस चुदाई का मज़ा अब बढ़ने लगा।

आज मैं खुद उसका लौड़ा अपनी चूत में रात भर लेना चाहती थी।
उसने मुझे लिटा दिया और मेरी टांगों को अपने कंधे पर रख कर लंड घुसा दिया और गपागप गपागप चोदने लगा।

अब दोनों एक-दूसरे से लिपटकर किस करने लगे और चुदाई का मज़ा ले रहे थे।

उस अजनबी ने अपना नाम मुझे रोहित बताया।

रोहित मुझे अपने लंड का स्वाद चखा रहा था और मैं भी आहहह आहहह आहहह करके मस्ती से उसके लन्ड को ले रही थी।
अब हम दोनों का चरम आ गया और दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया।

मेरी चूत से पानी बाहर निकलने लगा.
रोहित मेरे ऊपर लेट गया, उसका लंड मेरी चूत में घुसा था।
हम दोनों एक-दूसरे को किस करने लगे।

10 मिनट बाद रोहित का लंड बाहर निकल गया।
मैंने उसे बताया कि मुझे बहुत मजा आया।

उसने मुझे अपने सामने बैठा दिया और लंड को होंठों पर रख दिया।
मैंने अपना मुंह खोला और उसका लंड चूसने लगी.

थोड़ी ही देर में उसका लंड खड़ा हो गया और झटके मारने लगा।

उसने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी गान्ड को सहलाना शुरू कर दिया.

मैं समझ गई कि अब मेरी गान्ड की बारी है।
मैंने उसे मना किया, मै गांड में लंड लेने के लिए मना करने लगी।

मैं लंड को सोचकर डरने लगी थी.
रोहित ने मेरी गान्ड के छेद पर कुछ लगाया, शायद कुछ जैली थी।

अब उसने गांड के सुराख पर उंगली डाल दी.
मेरी चीख निकल पड़ी, मैं आहह हहहह ओहहह ऊईईई करने लगी, मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा था।
उसने कहा- अंजलि अपना मुंह बंद कर लो, आवाज मत निकलने दो।

तब उसने मेरी गांड पर कोई तेल लगाया और अपने लंड को तेल से गीला करके मेरी गान्ड पर दबाने लगा।
उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और अपने हाथ से मेरा मुंह बंद कर दिया और लंड को जोर से धक्का लगाया

मैं झटपटाने लगी क्योंकि उसका आधा लंड मेरी गान्ड में जा चुका था। मैं चिल्ला रही थी लेकिन मेरी आवाज़ नहीं निकल पा रही थी।

तभी रोहित ने लंड मेरी गांड से बाहर निकाल लिया और जोर से धक्का लगाया और पूरा लौड़ा अन्दर तक घुसा दिया।

मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे और मुझे लगा मेरी गान्ड फट गई।

अब मुझे होश नहीं था.
रोहित ने मुझे लिटा दिया और ऊपर से गांड में लंड डालकर चोदने लगा।

अब उसने अपने लंड की रफ्तार तेज कर दी और तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा.
तब धीरे धीरे मेरा दर्द कुछ कम हुआ।

उसने अपना हाथ मेरे मुंह से हटा दिया अब मैं आहहह उहहह आहहह करके उसका लंड ले रही थी।

अब उसने मुझे अपने लंड पर बैठने को कहा और वो नीचे लेट गया। मैं अपनी गांड को उसके लन्ड पर लगाकर बैठ गई और धीरे धीरे उछलने लगी।
रोहित का लंड मेरी गांड में अंदर बाहर होने लगा.

अब हम दोनों बहुत गर्म हो गए और मैं उछलने लगी।
मैंने मेरे कबूतर उसके हाथ में पकड़ा दिये और वो उनको मसलने लगा।

अब बस की स्पीड के साथ लंड की रफ्तार भी तेज होने लगी।
मेरी गान्ड ने रोहित के लंड से दोस्ती कर ली।

अब रोहित ने उठाकर घोड़ी बना दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा.
आहह आहहह आहह करके अब मैं अपनी गांड आगे पीछे करने लगी।

अब दोनों तरफ से बराबर झटके लगने लगे थे और एक दूसरे को किस करने लगे।

रोहित ने लंड बाहर निकाल लिया और झटके से चूत में घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा।

अब मैं उसके हर झटके का जवाब दे रही थी।
अब तक हम दोनों एक दूसरे के सामने खुल चुके थे।

मैं एक अजनबी से ऐसे चुदवा रही थी जैसे वो ही मेरा पति हो।
मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और रोहित का लंड गीला हो गया।

रोहित ने मुझे लिटा दिया और ऊपर आ गया। उसने चूत में लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ अंदर बाहर करने लगा।

गीला लंड फच्च फच्च करके अंदर बच्चादानी तक जाने लगा और मेरी सिसकारियां तेज़ हो गई थी।

उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिया और चूमने लगा. वो तेजी से अपना लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगा और मैं उसके होंठों को चूसने लगी।

अब रोहित ने अचानक से अपनी रफ़्तार तेज कर दिया और उसकी सिसकारियां भी तेज हो गई।

एक बार फिर दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे और एक साथ पानी छोड़ दिया।

रोहित मेरी चूत में लंड डाले डाले मेरे ऊपर लेट गया और मेरी चूचियों को चूसने लगा।
हम दोनों थक चुके थे और एक दूसरे को बांहों में लेकर चूमने लगे।

थोड़ी देर बाद बस रूकी. शायद कोई ढाबा था।

रोहित ने पूछा- कुछ लोगी क्या?
मैंने कहा- हां कॉफ़ी!

उसने लोवर टी-शर्ट पहनी और 2 कप कॉफ़ी ले आया।
हमने साथ में कॉफ़ी पी.
थोड़ी देर बाद लाइट बंद हो गई और बस चलना शुरू हो गई।

उसके बाद रोहित ने मुझे सुबह तक एक बार और जमकर चोदा और उसने मुझे रातभर कपड़े नहीं पहनने दिये।
रोहित ने मेरा नंबर ले लिया था.

सुबह 5:30 में मैंने कपड़े पहने तो उसने मेरी पैंटी ले ली और मैं बिना पैंटी के पजामी पहनकर बाहर आ गई।
एक सीट खाली थी, मैं उसमें बैठ गई. ट्रेवल सेक्स के बाद मैं थक गयी थी तो मुझे सीट पर बैठ के बहुत आराम मिला.

बस स्टेंड पर हमारी बस रूकी तो मैं अपनी सास के साथ ऑटो रिक्शा में बैठ गई।
और वो भी वहां से निकल गया।

उसने मुझे शाम को फोन किया.
मैंने उसे बताया कि मैं अपनी सास के साथ होटल रूपा में रूकी हुई हूं।
उसने बोला कि मैं भी आ रहा हूं.
और उसने मेरे साथ वाला रूम बुक कर दिया।

1 घंटे के बाद रोहित का फोन आया.
मैंने उससे कहा- अभी मेरी सास जाग रही है।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने सांस को दवा पिलाकर नींद की गोलियां खिलाकर बिस्तर पर लिटा दिया.
थोड़ी देर बाद वो गहरी नींद में सो गई।

मैंने रोहित को फोन किया.
वो बोला- मेरा रूम खुला है, तुम अंदर आ जाओ।

अब मैं जल्दी से तैयार हो गई; मैंने सिल्क की गुलाबी मखमली नाइटी पहन ली; अंदर मैंने कुछ नहीं पहना।
मैं जैसे ही रोहित के रूम में पहुंची वो मेरा ही इन्तजार कर रहा था।

उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और चूमने लगा वो अंडरवियर में था। उसने मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिया और किस करने लगा.
अब मैं भी उसके साथ रंग में रंग गई और उसका हाथ पकड़ कर अपनी गांड पर ले गई।
हम दोनों एक दूसरे के अंगों से खेलने लगे।

थोड़ी देर बाद दोनों नंगे हो गए और 69 की पोजीशन में आ गए।

रोहित आज मुझे पूरी तरह से खुश करके चोदने को तैयार हो गया और उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी चूत में लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा.
अब मैं तेज़ तेज़ सिसकारियां निकालने लगी.

रोहित ने मुझे गोद में उठाया और झटके लगाने लगा.
अब होटल में हमें कोई डर नहीं था।

रोहित हर बार पोज बदल बदल कर चोद रहा था।
मेरी चूत ने दो बार पानी छोड़ दिया था।

अब रोहित ने मुझे घोड़ी बनाया और चोदने लगा. अब उसकी आवाज और रफ्तार अचानक से तेज़ हो गई और मैं भी अपनी गांड आगे पीछे करने लगी.

एकदम से हम दोनों की सिसकारियां निकलने लगी और एक साथ पानी छोड़ दिया।

रात भर में रोहित ने मुझे अलग अलग आसन में 4 बार चोदा.
मेरी गान्ड और चूत फूल गई थी.
और हम दोनों थककर पता नहीं कब सो गए।

सुबह जब मेरी नींद खुली तो देखा कि सुबह के 7 बज चुके थे।

मैंने जल्दी से नाइटी पहनी और रोहित के ऊपर चादर डाल कर सोता ही छोड़कर अपने रूम में आ गई।
मेरी सास सो रही थी.
मुझे लगा कि आज बच गई.

थोड़ी देर में वो जाग गई।
रात की चुदाई से मेरे शरीर में दर्द हो रहा था, मैं बिस्तर पर ही लेटी रही।

10 बजे मैंने अपनी सास को अस्पताल में दिखाया और रात की बस से आने की तैयारी थी.
रोहित भी बस में आ गया और मेरी सास के सोने के बाद रात भर चलती बस में मुझे चोदा।

उसके बाद वो फोन पर मुझे चोदकर रात को मेरा पानी निकालने लगा.

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