Xxx ग्रुप सेक्स कहानी में मैं अपनी सहेली की बहन की शादी में गयी तो वहां उसे बॉयफ्रेंड की नजर मेरी जवानी पर टिक गयी. मुझे भी लंड की जरूरत थी तो मैंने उसे दाना डाल दिया. “wild sex kahani“
नमस्ते, मेरा नाम सलमा है. मैं मुंबई की रहने वाली हूँ.
मेरा रंग गोरा है और फिगर 34-28-38 का है.
यह बात उस समय की है जब मेरी उम्र 27 साल की थी और मैं एक बच्चे की मां थी.
ये एक सच्ची Xxx ग्रुप सेक्स कहानी है.
मैं उत्तर प्रदेश के लखनऊ में अपनी एक सहेली नरगिस के घर आई थी.
उसने मुझे अपनी बड़ी बहन के निकाह में बुलाया था.
मेरे शौहर की जॉब दुबई में लग गई थी और उनके उधर चले जाने की वजह से मुझे अपने दस महीने के बच्चे के साथ अकेली ही लखनऊ जाना पड़ा.
उस वक्त मेरे मम्मों से दूध निकलता था तो मैं ब्रा नहीं पहना करती थी.
मैं निकाह के एक दिन पहले अपनी सहेली के घर पहुंची और देखा कि उसके घर में बहुत सारे मेहमान हैं.
दरअसल नरगिस मेरी सहेली के साथ साथ मेरी खाला की लड़की भी है.
इसलिए उधर बहुत सारे लोग मेरे परिचय के थे.
निकाह का अवसर होने की वजह से मैं एक हरे रंग का प्लाजो और हाफ स्लीव की कुर्ती पहनकर आई थी.
सहेली का घर घनी बस्ती में होने की वजह से वहां के घर काफी करीब करीब थे और लोगों की काफी भीड़ भाड़ भी थी.
मेरी सहेली नरगिस ने मुझे अपने रिश्तेदारों से मिलाया.
उसका एक चचेरा भाई मुझसे मिलकर काफी खुश हुआ.
शायद वह मुझ पर लट्टू हो गया था.
मुझे भी वह भा गया था.
उसे देख कर न जाने क्यों मेरी टांगों के बीच में चुनचुनी सी होने लगी थी.
मैं आपको बता दूँ कि मैं और नरगिस दोनों ही कॉलेज टाइम से भारी चुदक्कड़ किस्म की रही थीं.
असलम पूरे 6 फुट का था और उसका शरीर काफी तगड़ा था.
उसकी तगड़ी भुजाओं की फड़कती मछलियों को देख कर अचानक से मेरी नजरें नरगिस से मिलीं और वह अपने होंठ काटती हुई मेरी आंखों में देखने लगी.
असलम उधर से चला गया तो नरगिस हंसने लगी और उसने कहा- यह मेरा ठोकू यार है.
मैंने उससे इठला कर कहा- साली कुतिया … तू तो ऐसे कह रही है, जैसे इससे पहले किसी एक से हम दोनों ने बारी बारी से चूत नहीं चुदवाई हो.
वह मुस्कुरा कर बोली- अरे मेरी जान, तो असलम का तू ले ले ना … बस अपने मियां का मुझे दिलवा देना.
मैंने कहा- हां तो उसको इंडिया वापस तो आ जाने दे … मैंने कब मना किया है.
वह बोली- बस असलम के सामने हम दोनों की असलियत नहीं आनी चाहिए.
मैंने कहा- हां नहीं कहूँगी उससे … बस तू इतना बता दे कि कितना टाइम लेता है?
वह बोली- ये तो तेरे ऊपर है कि तू कितनी देर तक रगड़वा सकती है.
मैं बोली- हम्म … मतलब टिकाऊ माल है!
अब मैं नरगिस से अलग होकर असलम को खोजने लगी.
कुछ ही पल बाद वह वापस मेरे सामने आ गया था.
मैंने जल्द ही उसे अपने जाल में लपेट लिया.
अब जहां मैं जाती, वह मेरे पीछे पीछे मेरी खातिरदारी के लिए पहुंच जाता.
मैं अपने बच्चे को अपनी सहेली नरगिस के पास छोड़कर असलम को सैट करने चल दी.
असलम तो मेरे पीछे लगा ही था तो मैंने उससे बाथरूम के लिए पूछा.
उसने भी मेरी नजरों को पढ़ते हुए मुझे बताया- इस घर के बाथरूम खराब हैं. बगल की गली में मेरा घर है.
तब उसने मुझसे वहां का बाथरूम इस्तेमाल करने को कहा.
पहले मुझे ये बात कुछ अजीब सी लगी, पर मुझे जल्दी से जल्दी असलम के साथ मस्ती भी करनी थी और वापस अपने बच्चे के पास लौटना भी था, तो मैं असलम के साथ उसके घर में चली गई.
असलम उधर अपने घर के हॉल में रुक गया था और मैं बाथरूम चली गई.
दस मिनट बाद जब मैं लौटी तो मैंने देखा कि हॉल का दरवाजा बंद है और वह सामने खड़ा मुस्कुरा रहा था.
मैंने भी उससे मुस्कुरा कर कहा- क्या हुआ … मुस्कुरा क्यों रहे हो?
उसने मेरे करीब आकर मेरा हाथ पकड़ कर खींचा तो मैं उसके सीने से जा लगी.
मैं पहले तो एकदम से अचकचा गई, पर मैं खुद ही उसके साथ चुदने मचल रही थी.
तो मैंने कहा- अभी नहीं असलम, अभी मेरा बच्चा भूखा होगा, मुझे उसको दूध पिलाना है.
वह मुझे अपने सीने से लगाता हुआ बोला- मुझे भी तो भूख लगी है मेरी जान … मुझे भी दूध पिला दो न!
मैंने उसके लंड से अपनी गांड रगड़ते हुए कहा- अभी थोड़ा सा वक्त दे दो. मैं बस यूं गई और यूं आई.
वह बोला- तुम जाकर नहीं आईं तो?
मैंने उसके लंड को पकड़ते हुए कहा- इस खूँटे की कसम यार … मैं खुद भी प्यासी हूँ. तुम्हें तो मालूम ही होगा कि जब से मेरे शौहर दुबई गए हैं, तब से मुझे लंड नहीं मिला है.
यह सुनकर वह बोला- इसका मतलब यह हुआ कि यदि तुमको एक साथ दो चार लंड भी मिल जाएं, तो तुम पीछे नहीं हटोगी?
मैंने भी न जाने किस झौंक में कह दिया- हां हां जाओ बुला लाओ अपने साथियों को, मैं भी सबको ठंडा करने की हिम्मत रखती हूँ.
यह कह कर मैं जल्दी से असलम की बांहों से छूट कर अपने बेटे के पास आ गई.
उधर मैंने नरगिस से अपना बच्चा लिया और उसे दूध पिलाने लगी.
न जाने क्यों मेरे चूचों से आज दूध की धार लग गई थी.
मैंने जल्दी से उसे दूध पिलाया और नरगिस से कहा- तू इसे देखना मैं एक घंटा में आ जाऊंगी.
वह हंस पड़ी और बोली- तू दो घंटे में आ … मेरी झांट पर क्या असर पड़ने वाला है!
अब मैं वापस असलम के घर आ गई.
उसके हॉल में असलम के साथ साथ 5 अन्य हट्टे-कट्टे मर्द खड़े थे.
एक बार को मैं भी देख कर कांप गई कि यह सब क्या है!
फिर मैंने बारी बारी से सभी पर अपनी नजर दौड़ाई तो उनमें से कुछ का कद 6 फीट था … तो किसी का कद पौने छह फीट का.
सबके सब रंग में काले थे और उन्होंने आंखों में गहरा काजल लगाया हुआ था.
सर पर गोल सफेद रंग की टोपी और सभी की लंबी दाढ़ी थी.
उसमें से एक मर्द की दाढ़ी का रंग पूरा सफेद था.
उसकी उम्र कुछ 50 साल की थी.
उसका चेहरा थोड़ा टेढ़ा और रंग काला था.
उसका नाम शायद रहीम था और वह असलम के बगल में ही खड़ा था.
बाकी सारे 35 या 40 साल के मर्द थे.
सबके सब मुझे घूर रहे थे.
मैं घबरा कर असलम से कहने लगी- असलम, मुझे वापस अपने बच्चे के पास जाना है. ये सब लोग यहां क्या कर रहे हैं?
असलम बोला- सलमा जी, ये सब आपसे मिलना चाहते थे, तो मैंने सोचा यहीं मिलवा दूँ.
‘तू तो बिलकुल सही कह रहा था असलम, इस माल की कमर और गांड दोनों ही कड़क हैं.’
यह रहीम बोला था.
असलम बोला- अरे भाईजान, इसका दस महीने का बच्चा है … जो इसके गोरे और रसीले थनों से इसका दूध पीता है!
‘ये एक बच्चे की माँ भी है? इसका शरीर तो बहुत ही टाइट दिख रहा है. लगता है इसका शौहर इसे सही से चोद नहीं पाता है.’
यह रशीद बोला था, जो कुछ 35 साल का था. उसका रंग काला था और कद 5.9 फीट का था.
‘असलम, ये सब क्या गंदी बातें कर रहे हो. मैं नरगिस को सब बता दूंगी. प्लीज मुझे जाने दो.’
अभी मैंने यह कहा ही था कि इतने में उनमें से एक मर्द ने मुझे जोर से कमर से पकड़ा और मेरा मुँह बंद कर दिया.
वह मुझे अन्दर की सीढ़ियों के तरफ खींचने लगा.
वे सब मुझे खींचकर सीढ़ियों के जरिए नीचे बने एक तहखाने में ले आए.
मैं बहुत ज्यादा डर गई थी. मुझे शायद भनक लग चुकी थी कि आज मेरे साथ क्या होने वाला है.
एक ने मेरी कुर्ती को खींचना शुरू कर दिया, तो मैं चिल्लाने लगी.
असलम बोला- सलमा, आज तेरी आवाज कोई नहीं सुन पाएगा. यहां से कोई आवाज बाहर नहीं जाती. ये सारे मर्द तेरे जिस्म के ही भूखे हैं. जबसे इन्होंने तेरी चूचियां और गांड देखी है, तबसे इनकी धमनियों में गर्म खून दौड़ने लगा है. इन्हें तेरी जैसी कड़क माल फिर नहीं मिलने वाली है. आज तेरी चूत और गांड की इस कसाई खाने में हजामत होने वाली है.
यही बोलते बोलते वे सब मेरे कपड़े उतारने लगे. मुझे जमीन पर लिटा दिया.
उन्होंने मुझे नंगी कर दिया था.
मेरे गोरे बूब्स, भूरे रंग के कड़क निपल्स सबको दिख गए थे.
उन सभी ने अपने अपने पजामे खोल दिए और लंड हिलाने लगे.
अब मैंने जो नजारा देखा, वह देखकर मैं दंग रह गई. उन सभी का लंड 6.5 से 7 इंच का था.
रहीम का लौड़ा तो 8 इंच था.
सबके सब काले लंड वाले थे और हम लोगों के लंड का ऊपरी हिस्सा चूंकि कटा हुआ होता है, जिस वजह से सभी के लंड के सुपारे एकदम गुलाबी दिख रहे थे.
असलम आगे बढ़ कर आया और वह मेरे ऊपर चढ़ गया.
मैं जमीन पर नंगी लेटी हुई थी.
वह मेरे मम्मों को चूसने लगा और दबाने लगा.
मुझे भी ठरक चढ़ गई थी.
वह मेरे एक दूध को चूसने लगा तो उसके मुँह में मेरा मीठा दूध जाने लगा.
वह जल्दी ही मेरी चूत में अपना लंड ठांस कर मेरे साथ इकसट-बासठ करने लगा.
तभी एक दूसरे मर्द ने असलम से कहा- अबे अकेले अकेले ही मजा ले रहा है भोसड़ी के … इसको उठाओ और इसके दो छेद भी बाकी हैं. उनमें भी लंड पेलने दो!
मैं समझ गई कि आज मेरी चूत गांड और मुँह का भर्ता बनने वाला है.
दोस्तो, उन शक्तिशाली मर्दों ने मुझे किसी प्लास्टिक की गुड़िया की तरह उठा लिया.
असलम ने अपने लौड़े को मेरी चूत में पेले रख कर मेरी टांगें फैला दीं.
मैं पहले भी सैंडविच चुदाई करवा चुकी थी, तो मुझे कोई खास फर्क पड़ने वाला नहीं था.
लेकिन जब से मैं अपने शौहर से चुदना शुरू हुई थी, तब से मैंने अपनी गांड में लंड नहीं लिया था तो मेरी गांड एकदम टाइट हो गई थी.
असलम ने पोज सैट कर लिया और तभी किसी ने पीछे से मेरी गांड में लंड ठांस दिया.
साले ने सूखा ही लंड पेल दिया था तो कसम से गांड में बहुत तेज परपराहट होने लगी थी.
जैसे तैसे उसके लंड ने मेरी गांड को रवां किया और मेरी चूत गांड एक साथ बजने लगी.
उसी बीच एक लंड मेरे मुँह में घुस गया था तो मेरी आवाज निकलना भी बंद हो गई थी.
ये तीन फारिग हुए तो अगले तीन आ गए और उन्होंने मेरी गांड चूत के साथ खेलना शुरू कर दिया.
हर तरफ से मेरे साथ नंगे मर्द लगे हुए थे.
जो चोद नहीं पा रहे थे, वे सब मुझे चूमने में लगे थे.
एक मर्द मेरे बूब्स चूसने में लगा था, एक मेरी कमर काटने में लगा था.
मेरे बच्चे को दूध पिलाने के वजह से मेरे निप्पल काफी नर्म थे और ये कामुक भेड़िये मेरे जिस्म को नोंच नोंच कर खा रहे थे.
वे मुझे चोदते हुए कह रहे थे- इसकी चूत इतनी टाइट कैसे है, इस रांड का खसम साला इसे चोदता नहीं क्या?
‘साले कुछ होते ही नामर्द हैं, अपनी बीवियों को इतनी सेक्सी ड्रेस पहना कर अकेली छोड़ देते हैं, ताकि कोई भी सड़क चलता उसकी बीवी के शरीर की प्यास बुझा दे.’
‘इससे हसीन माल तो मैंने कभी नहीं चोदा असलम!’
‘सलमा आज तू हमारा ही बच्चा पैदा करेगी, आज तेरी कोख में हमारा ही बीज जाएगा.’
‘रंडी तेरा जिस्म हम मर्दों की प्यास बुझाने के लिए ही है, चुपचाप लंड लेती रह. आज सब हम तेरे नामर्द शौहर और असली मर्द में फर्क बताएंगे.’
अब रहीम मेरे ऊपर चढ़ गया था.
उसने एक हाथ से मेरा मुँह पकड़ा और एक हाथ से जोर से मेरी कमर पकड़ कर अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा.
वह जोर जोर से धक्का देने लगा और मुझे चोदने लगा.
वापस एक एक करके सबने मुझे दोबारा से चोदा.
असलम ने मुझे तीन बार चोदा, वह भी बिना कंडोम के.
शायद उसने रहीम के कहने पर ही ऐसा किया था.
रहीम उन सबका लीडर था.
रहीम की बात मुझे इसलिए ज्यादा याद रही क्योंकि उसका चेहरा टेढ़ा सा था और शरीर भी लंड की तरह मोटा और काला था.
उसके हर झटके में जब वह सांस छोड़ता था, तो बहुत ही गंदी बदबू के साथ एक गाली देता था.
‘इस छिनाल साली की कमर बड़ी पतली है मगर चूचे बहुत मोटे है रांड के.’
दोस्तो, असलम के अलावा भी उन सभी ने एक एक बार मेरी चूत में अपना माल छोड़ा था.
सभी ने मुझे जगह जगह नोंचा और काटा.
मैं उस रात न जाने कितनी बार झड़ी, मुझे खुद याद नहीं था.
ऐसा मेरी जिंदगी में कभी नहीं हुआ था. मतलब अजीब किस्म की चुदाई हुई थी मेरी!
एक मेरी चूत चोदता, तो दूसरा मेरे मुँह में अपना लंड डाल देता. तीसरा मेरी गांड मारने लगता.
मुझे उस रात महसूस हुआ कि शौहर के अलावा एक गैर मर्द कितना ज्यादा आक्रामक हो जाता है.
वे सारे मर्द मेरी जान निकलने तक मुझे चोदते रहे.
पूरे 5 घंटे तक मेरी इज्जत से खेलने के बाद और मेरे शरीर को ऊपर से लेकर नीचे तक अपने माल से भरने के बाद … सब मुझ पर थूक कर चले गए.
उस समय रात के 2 बज चुके थे.
मैं अपने बदन पर एक चादर लपेटकर अपनी सहेली के पास गई.
वह मेरे बच्चे को अपने बगले में लेटा कर बाकी मेहमानों के साथ सो चुकी थी.
मैंने अपने कपड़े बदले और अपने मुन्ने को अपने सीने से चिपका कर सो गई.
उस रात मैं अपने बच्चे को ठीक से स्तनपान भी नहीं करा पाई.
जब जब वह मेरे निप्पल को चूसता, मुझे भयानक दर्द होने लगता.
Xxx ग्रुप सेक्स करके मेरे शरीर का पुर्जा पुर्जा टूट चुका था.
मैं निकाह खत्म होते ही अपने घर लौट गई.
दो हफ्ते बाद मुझे पता चला कि मेरी माहवारी रुक गई थी.
मतलब मैं हमल से हो गई थी.
मुझे आज भी वह रात याद है.
मैंने उस रात एक सुख पाया था या खौफ … मैं अभी तक नहीं समझ पाई हूँ.
लेकिन जब भी मैं उस रात के बारे में सोचती हूँ, मेरी चूत खुद ब खुद गीली हो जाती है.
ये मेरी पहली सेक्स कहानी थी, मुझे बताएं कि आपको कैसी लगी.
मेरा विश्वास मानिए ये सेक्स कहानी सच्ची घटना पर ही आधारित है.
अगर आप मुझसे और ज्यादा जानना चाहते हैं तो मुझे कमेंट में बताएं.