मौसी की बेटी की चूत की चिंगारी

भाई और बहन की चुदाई का मजा मेरी मौसी की जवान बेटी ने मुझे दिया. हम शुरू से दोस्तों की तरह थे, खुल कर बात करते थे. हम दोनों के बीच सेक्स सम्बन्ध कैसे बने?

नमस्ते, मैं राज आज आपके सामने अपने साथ घटी इस भाई और बहन की चुदाई कहानी को पेश करने जा रहा हूँ.

मैं एक साधारण तौर तरीके से रहने वाला लड़का था.
पर मेरी लाइफ में ऐसे उतार-चढ़ाव आए कि क्या बताऊं.

मैं उस वक्त तक सेक्स के बारे में कुछ नहीं जानता था.

जब मैं पॉर्न देख कर व सेक्स कहानी पढ़ कर सेक्स को समझने लगा तो उसको महसूस करने लगा.
तब मेरा ब्लूफिल्म देखने से ज़्यादा पढ़ने में इंटरेस्ट था.

इसी रूचि ने मुझे इन्सेस्ट की तरफ मोड़ा और अन्तर्वासना से मिलवाया.

बस फिर क्या था अन्तर्वासना को पढ़ना मेरी जीवन में एक आवश्यक हिस्सा बन गया.
अन्तर्वासना को मुझे पढ़ते हुए कई साल हो गए.
मैं इन्सेस्ट को जान ही चुका था.

जब मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था, तब मेरे साथ मेरी मौसी की बेटी भी पढ़ रही थी.
हमारी उम्र बराबर की है.

मैं उसके बारे में आपको अभी जानकारी नहीं दूंगा, सेक्स कहानी को आप आगे पढ़ोगे, तब आप खुद ही समझ जाओगे कि वो देखने में कैसी थी.

हमारे कॉलेज पास में ही थे. पर मैं कभी उससे मिलने नहीं जाता था.
हम दोनों भाई बहन कम, दोस्त ज़्यादा थे.

उसने मुझे अपनी एक सहेली को गर्लफ्रेंड बनाने में मदद भी की थी लेकिन उसकी सहेली से मेरा रिश्ता ज़्यादा समय तक नहीं चला था.

जब मैं उसके घर गया था, तब थोड़ा कॉलेज में जाने के बाद जो परिपक्क्वता आती है ना, उसकी वजह से मैं खुद में ही मस्त रहने लगा था.

उसके साथ पहले जैसी बातें भी नहीं कर रहा था तो उसने मुझसे पूछ लिया- क्या हुआ है तुम्हें, तुम पहले जैसे नहीं रहे?

मैंने उसे यूं ही बता दिया कि कॉलेज की टेंशन की वजह ऐसा हो रहा है.
उस वक्त मैंने उसकी आंखों में कुछ अलग सी चमक देखी थी.

दरअसल उस सुबह उसने मेरे मोबाइल में क्रोम की हिस्टरी पर अन्तर्वासना साइट को देखा था.
वो मुझ पर नज़र रख रही थी और दोपहर में उसने मुझे लंड हिलाते हुए भी देख लिया था.
यह बात उसने मुझे बाद में बताई थी.

उसके बाद मैंने नोटिस किया कि वो दुपट्टा इस्तेमाल नहीं कर रही है और बार बार किसी ना किसी वजह से मेरे पास आ रही है.
झाड़ू लगाने से खाना परोसने तक उसने मुझे अपना बदन दिखाया था.

खाना परोसते हुए जब वो झुकी, तो मुझे उसके मम्मे लगभग 60% दिख गए थे.
वो देख कर तो मैं पागल हो गया था.
पर तब मुझे वो सब ग़लत लगा था.

फिर बाद में जब मैं अपने घर गया तो बार बार मुझे उसकी चूचियों की ही याद आ रही थी.
वो देख कर और उसे याद करके मैं बहुत ज्यादा गर्म हुआ था उअर मैंने कई बार मुठ मारी.

कुछ ही समय में मैं अपनी बहन को पाने के लिए पागल हो गया था.
हर बार मैं उसी की याद में लंड हिलाने लगा था.

कुछ दिन बीतने के बाद जब हम कॉलेज गए, वहां में उससे दोबारा मिलने लगा; हमेशा कुछ ना कुछ बहाना बनाकर साथ रहने लगा, उसके बूब्स को देखने लगा.

पर इतनी मेहनत के बावजूद भी कुछ ख़ास फर्क नहीं हुआ, ना ही उसने कुछ सिग्नल दिया.
मैं कुछ नहीं कर पाया.

फिर एक दिन मैंने उसे घूमने के लिए मना लिया.
हम दोनों मेरी बाइक पर चले गए.

मैं बार बार ब्रेक इस्तेमाल करने लगा ताकि उसके बूब्स मेरी पीठ को टच करें.

शायद वो भी मेरी हरकत को नोटिस कर रही थी मगर उसने कुछ नहीं कहा.

हम दोनों ने पिज़्ज़ा खाया और एक फेमस होटल में कॉफी पीने चले गए.

वहां जब मैं अपनी बहन के सामने बैठा था तो वो कुछ झुक कर मोबाइल में देख रही थी.
मैं बार बार उसके बूब्स को देखने लगा.
उसने भी मेरी नजरों का पीछा किया, पर वो कुछ नहीं बोली.

फिर जब मैं घर पर था तो उसके साथ चैट करने लगा व्हाट्सैप पर!
दरअसल हमारे यहां एक प्रोग्राम था, मैं उसे उसी के बारे में बता रहा था.

मैं- यार, उस दिन के बारे में थोड़ी बात करनी थी.
जिया- कौन सी बात, बोल ना!

मैं- हम घूमने गए थे न, उस दिन वाली बात.
जिया- अच्छा, क्या बात?

मैं- मुझे माफ़ कर दे यार!
जिया- किस बारे में बोल रहा है तू?

मैं- यार मैं पागल हो गया था जो बार बार तेरे उन्हें देख रहा था.
जिया- मतलब?

मैं- यार प्लीज़ सॉरी यार मुझे माफ़ कर दे, मैं तेरे पैर पड़ता हूँ.
जिया- तुम क्या बोल रहे हो?

मैं- यार वही जो कॉफ़ी पीते वक़्त देख रहा था, प्लीज़ यार आई एम रियली सॉरी यार.
जिया- हम्म … वो!
मैं- प्लीज़ यार माफ़ कर दे प्लीज़.

नो रिप्लाई.

मैं- प्लीज़ यार ई’म रियली सॉरी यार.
जिया- हां ठीक है.

मैं- यार प्लीज़ प्लीज़ सॉरी सॉरी.
जिया- हां कहा ना, ठीक है. पर पता है, उस दिन मुझे बहुत डर लग रहा था.

मैं- मैं मर जाऊंगा यार, ऐसा कुछ मत बोल … ग़लती हो गयी थी मुझसे प्लीज़ माफ़ कर दे.
जिया- ओके.

ब्लॉक्ड …

मैं शॉक्ड.

दो महीने तक मैं ब्लॉक रहा था.
फिर एक दिन उसी का कॉल आया.

जिया- कॉलेज आई हूँ कब से मिलने नहीं आया तू … आ जा मेडिकल के सामने खड़ी हूँ.
मैंने कहा- ओके.

मैं उससे मिलने गया और हम दोनों ने करीब एक घंटा तक बातें की. पर मुश्क़िल से मैं उससे नज़र मिला पा रहा था.
बाद में ऐसे ही दो महीने निकल गए.

फिर एक दिन उसी ने कॉल किया और कहा कि घूमने चलते हैं.
बारिश का मौसम था.

मैंने पूछा- कहां जाना है?
तो बोली- कहीं बाहर चलते हैं वॉटरफॉल वगैरह देखने के लिए.

मैंने कहा- ठीक है.

मैं पहले वाली बात को अभी तक नहीं भूला था, पर पता नहीं वो क्यों इतना फ्री होकर बात कर रही थी.
फिर अगले दिन हम दोनों चल दिए.

हम चार लोग थे. वो, उसके 2 दोस्त और मैं.
मैं और वो एक बाइक पर थे.

हमें निकले हुए अभी आधा घंटा ही हुआ था कि बारिश शुरू हो गयी.

मैंने पूछा- रुकना है क्या?
वो बोली- नहीं, आज भीगना है मुझे … चलो.

उसके दोस्त तो रुक गए, हम आगे चल दिए.

थोड़ा आगे जाने के बाद मुझे महसूस हुआ कि वो मुझसे चिपक कर बैठी है.
मैं थोड़ा आगे को हो गया.
वो और आगे हो गयी.

फिर मैं थोड़ा और आगे हुआ, वो फिर से आगे आने लगी.

मैंने कहा- थोड़ा पीछे को हो जा!
वो कुछ नहीं बोली. दस मिनट तक चुप थी.

बाद में वो फिर से चिपक गयी.
इस बार मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिया.
मैं वैसे ही बैठा रहा.

वो अपने बूब्स मेरी पीठ पर दबा रही थी, ये मुझे साफ़ महसूस हो रहा था.
पर मैं कुछ कर नहीं पा रहा था.
उन्हें पाने की चाहत तो मुझमें भी थी, पर मन में डर बहुत था इसलिए चुप था और कुछ कर नहीं पा रहा था.

फिर कुछ ही मिनट के बाद मैं बोल पड़ा- यार जिया, ये क्या कर रही है? इतना क्यों चिपक कर बैठी है?
उसने कहा- अरे थोड़ी ठंड लग रही है.
मैंने कहा- अच्छा ठीक है.

मुझे उसके बूब्स बहुत अच्छे से महसूस हो रहे थे और करेंट सा दौड़ रहा था तो बॉडी में हलचल तो होनी ही थी.
पर मैंने कुछ नहीं किया.

हम दोनों घूम कर वापस आ गए.
उसने मुझे उसी होटल पर ले जाने के लिए कहा जहां हम पिछली बार गए थे और वो सब दूध देखने की घटना घटी थी.

उस दिन इससे ज्यादा कुछ ख़ास नहीं हुआ.
दस दिन बाद उसका बर्थडे था तो मैंने रूम पर ही सेलीब्रेट करने का प्लान बनाया था.

मेरा भाई और वो ऐसे हम 3 लोग थे.
सेलिब्रेशन हुआ.
भाई को कॉल आया तो वो केक खिला कर बाहर चला गया.

मैंने भी उसे केक खिलाया और भाई ने पहले ही जिया के चेहरे पर केक लगाया था.
जिया वो सब साफ़ करके वॉशरूम से बाहर आ गयी.

तब मैंने देखा कि अभी ठीक से साफ़ नहीं हुआ है.
मैंने उसे बताया कि अभी ठीक से साफ़ नहीं हुआ है.
उसने कहा- तू ही साफ़ कर दे.

मैं साफ़ करने लगा.
उसके बालों में और कान के पीछे भी थोड़ा लगा था तो मैंने हटा दिया.

पर पता नहीं क्या हुआ, जैसे ही कान के पीछे का निकालने लगा, वो मेरी तरफ नशीली आंखों से ऐसे देख रही थी मानो अभी किस कर दे.
लेकिन पहल कौन करे, इसी में मामला रह गया और तभी भाई आ गया.

आग दोनों तरफ लगी थी बस चिंगारी किसकी तरफ से होगी, ये पता नहीं था.
कुछ दिन बाद हम दोनों फिर से घूमने चले गए.

इस बार हम 8-10 लोग थे.
उसके और मेरे भाई के कुछ दोस्त थे.

इस बार भी वो मेरे साथ ही मेरी बाइक पर बैठ गयी.
बारिश तो पहले से ही हो रही थी तो सबने भीगते हुए जाने का फ़ैसला किया था.

सब चल दिए.

मैंने पहले थोड़ा पीछे रहने की कोशिश की लेकिन हमारे साथ कुछ जी एफ, बी एफ वाले बंदे थे तो वो हमारे भी पीछे रहने लगे.
मैंने बाद में बाइक तेज़ चलाना चालू कर दिया.

जैसे ही हम थोड़ा आगे निकल गए, जिया ने अपना जादू चालू कर दिया.
वो मुझसे चिपक कर बैठ गयी.

इस बार मैं भी थोड़ा हंस पड़ा और अच्छा महसूस करने लगा.
थोड़े समय बाद मैंने उसका हाथ थोड़ा नीचे खिसका दिया.
मतलब सीधा लंड पर रख दिया.

पहले तो उसने गुस्से में हाथ उठा लिया, मेरी गांड फट गयी और वो पीछे को होकर बैठ गयी.
इससे मेरी तो बत्ती गुल हो गयी.

मैंने बाइक स्लो की और डरते हुए कहा- तुम दूसरी बाइक पर बैठ जाओ.
उसने कुछ नहीं कहा, बस गुस्से में बोल दिया- चलते रहो.

कुछ देर बाद वो फिर से चिपक गयी और मेरे निप्पल के साथ खेलने लगी.
मैं ऐसी दुविधा में था कि मैं क्या करूं. मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था.

तभी …
जिया- कैसा लगा मेरा मज़ाक?
मैं एकदम शॉक था.

जिया- अरे बाबा, मैं मज़ाक कर रही थी. यार सॉरी.
मैं- अरे जिया, ये कोई मज़ाक होता है. आज तो मैं गया था काम से!

जिया- अरे नहीं यार, ये सब उसी दिन हो जाता.
मैं- कब किस दिन?

जिया- मेरे बर्थडे के दिन अगर भाई अन्दर ना आता तो मैं तुझे किस करने ही वाली थी.

मैं एकदम से खुश हो गया और बोला- कोई बात नहीं, इंतज़ार का फल मीठा होता है.
वो मेरे निप्पलों के साथ उंगली से खेले जा रही थी.

मैं- मुझसे अच्छे तो तेरे निप्पल हैं.
जिया- अच्छा तूने कब देखे?

मैं- अभी इतना चिपक कर बैठेगी तो उसकी पूरी जियोग्राफी समझ आ जाएगी.

जिया- अच्छा … सुन ना, मुझे अभी किस करना है, चलती बाइक पर!
मैं- चलती बाइक पर कैसे करेंगे? पागल है क्या?

जिया- मैं कुछ नहीं जानती, मुझे करना है मतलब करना है.
मैं- अच्छा ठीक है. रुक जरा सोचने दे.

मैंने बाइक स्लो की और कहा कि धीरे से आगे को आ जा.
जिया- कैसे?

मैंने उसे एक साइड से थोड़ा आगे किया और कहा- धीरे से तेरा लेफ्ट पैर साइलेंसर पर रख ले.
उसने वैसे ही किया, जिसकी वजह से वो एक साइड में खड़ी सी हो गयी.

मैंने बस इतना ध्यान में रखा कि बाइक की रफ्तार एक सीमा के ऊपर नहीं जानी चाहिए और वो फिसलने ना पाए.
फिर मैंने उससे कहा.

मैं- अब तुम अपना एक पैर मेरे सामने से मेरी एक बाजू में डाल ले.
जिया- पागल तो बोल देता ना कि हृतिक और कटरीना ने जो एक फिल्म में बाइक पर सीन किया था, वैसे करना है.
वो सामने बैठती हुई बोली.

मैं- मुझे क्या मालूम था कि तुझे …

तभी एकदम से उसने किस किया.
जिया- मुहहाआ …

किस हुआ और उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया.
जिया- साले पूरा गर्लफ्रेंड की तरह ट्रीट कर रहा है मुझे.

तभी पीछे दूर उसे बाइक्स आती दिखीं, तो उसने मुझसे कहा.
मैंने झट से अपनी बाइक रोकी और उतर गए.

हमारे दोस्त हमारे पास आ गए तो उन्हें बताया कि मुझे वॉशरूम जाना था, इसलिए रूके थे.

जब वो सब आगे चल दिए तो जिया बोली- सुन भाई, मुझे यार अब रहा नहीं जा रहा, मुझे सेक्स करना है.
मैं- पगली, ये तो कब से सलामी देने के लिए खड़ा है.
जिया- अच्छा.

उसने लंड पर हाथ रखते हुए पीछे से मेरे कान में कहा- एक बात बता?
मैं- जी पूछिए जानेमन.
जिया- इसका साइज़ कितना है?

मैं- क्या?
एकदम से ऐसे सवाल का मुझे अंदाज़ा नहीं था.

जिया- सच बता न … क्या साइज़ है? वैसे भी आज रूम पर जा कर देखने ही वाली हूँ.
मैं- यार कभी साइज़ चैक ही नहीं किया, पर मेरे ख़याल से होगा 6-6.5 के बीच.

जिया- अच्छा … अरे वाहह आज तो बहुत मज़ा आने वाला है.
मैं- लगता है तेरी चूत के जंगल में पूरी आग लग चुकी है.

जिया- हां यार.
मैं- एक बात बता, तेरे बूब्स का साइज़ क्या है?

जिया- शायद 32 होगा.
मैं- साला इतनी उम्र में भी तेरे बूब्स ऐसे लगते हैं, जैसे 2-3 बच्चों को दूध पिला कर आई हो.

जिया- हां यार, बहुत बड़ा साइज़ है न!
मैं- कोई ना, मुझे बड़े अच्छे लगते हैं.

हमारी इतनी गर्म बातों से मेरा लंड खड़ा हो गया और वो ऊपर से लौड़े को सहला भी रही थी.
मैं- अरे पागल इतना सहलाएगी तो मेरा निकल जाएगा. मैंने कभी औरत का टच नहीं फील किया, प्री-कम तो कब का आ चुका होगा.

जिया- मैं उसे बाहर निकाल रही हूँ.
ऐसा कहते हुए उसने ज़िप खोली और लंड बाहर निकाल लिया.

जैसे ही हाथ में लंड पकड़ा मेरा माल निकल गया.

जिया- तेरा साढ़े छह इंच से ज़्यादा बड़ा है और साले हिलाने तो देता, पकड़ते ही झड़ गया.
मैं- कहा था ना कि कभी टच नहीं फील किया.

हम ऐसे ही घूम कर वापस आ गए.
मेरे और मेरे भाई के कहने पर वो हमारे फ्लैट पर आ गयी.

पर भाई को कुछ अर्जेंट काम आ गया और वो तुरंत चला गया.

वैसे भी हम भीग कर आए थे.
मुझे गर्म पानी से नहाना था तो मैं बाथरूम में चला गया और जानबूझकर दरवाजा खुला रखा.

वो पीछे से आ गयी.
उसने लंड पकड़ा और हिलाने लगी.

एक बार मैं पहले ही झड़ चुका था, पर फिर भी तुरंत से दोबारा झड़ गया.

मैं मुड़ गया और बहन को किस करने लगा.
वो भी साथ देने लगी तो बहुत तेज़ किस करने लगा.

फ्रेंच किस टाइप किस करने लगा.
उसने बीच में रोका और कहा- साले, सांस तो लेने दे!
मैं- बेब आज कुछ मत बोल!

मैं उसके कपड़े उतारने लगा.

सलवार कुरती और बाद में मैंने जैसे ही ब्रा उतारी, मैं अपनी बहन के एक दूध को चूसने लगा और पागलों की तरह दूसरे को दबाने लगा.
वो भी मज़े ले रही थी.

फिर उसकी पैंटी में हाथ डाल कर चूत के साथ खेलने लगा.

कुछ ही पलों में मैंने उसकी पैंटी उतारी और नीचे बैठ गया.
मैंने उसकी चूत में उंगली डाल रखी थी.

फिर मैं जीभ लगा कर चूत के साथ खेलने लगा और चूत चाटने लगा.

पूरा बाथरूम उसकी सिसकारियों से गूँज उठा- अहह आह साले बहनचोद मर गई आह!
जब मैं रुका, तो उसने गुस्से से कहा- क्यों रुका भोसड़ी के.

ये कह कर उसने मेरा सिर वापस चूत में दबा दिया.
जिया- कर मादरचोद आआह मजा आ रहा है … आआहह मेरा निकलने वाला है … चूस साले.

बस उसका रस निकल गया, पूरा माल मेरे मुँह में आ गया.
फिर हम नहा कर बाहर आ गए.

उसने मेरा लंड सहलाना चालू किया और मुँह में ले लिया.
भाईसाहब क्या करेंट आ गया और मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा.

मैंने उसे उठाया और बेड पर ले जाकर लेटा दिया.
मैं उसकी चूत को चाटने लगा, उंगली डालने लगा.

वो फिर से गर्म सिसकारियां लेने लगी.
उसने कहा- बहन के लौड़े अब रहा नहीं जा रहा … दाग दे बंदूक अन्दर पेल दे कंडोम लगा जल्दी से मां के लौड़े.

मैं कंडोम लगा कर लंड चूत में डालने लगा.
जब थोड़ा सा अन्दर गया तो मुझे बहुत दर्द हुआ, मैंने तुरंत बाहर निकाल लिया.

जिया- चूतिए, बाहर क्यों निकाला … वापस डाल.
इस बार जब थोड़ा अन्दर गया तो पहले से ज़्यादा दर्द हुआ और मैं चिल्ला दिया ‘आआह …’
जिया को लगा कि मैं फिर से बाहर निकालूँगा.

उसने अपने पैरों को मेरी गांड पर दबा दिया.
मैं एकदम से चीख उठा.

‘आआह भोसड़ी की पहले बता तो देती.’
जिया- थोड़ी देर ऐसे ही रहने दे.

दर्द थोड़ा ठंडा हुआ तो मैंने झटके देना चालू कर दिया.
पर पहली बार होने की वजह से मेरा जल्दी झड़ गया.

जिया- साले, तुझे कहीं जाना है क्या … इतनी जल्दबाज़ी क्यों कर रहा है?
मैं- पहली बार है इसलिए दर्द भी बहुत हुआ और जल्दी झड़ गया.

जिया- ठीक है, आ जा मेरे बगल में.

मैं उसके बगल में लेट गया और उसकी चूचियों और चूत के साथ खेलने लगा.
उसे किस करने लगा.

कुछ ही मिनट में मेरा लंड वापस खड़ा हो गया.
इस बार वो बोली- तू लेट जा, मैं ऊपर से आऊंगी.

मेरे लंड में कंडोम लगा कर थोड़ा थूक लगाया और साली चढ़ गयी.
जैसे ही वो लंड पर बैठ गयी, बोल पड़ी- साले, मेरा ये पहली बार नहीं है, पर दर्द पहली बार से भी ज़्यादा हो रहा है. तेरा लंड है या गर्म किया हुआ सरिया है … आआह हह ऊहह.

हमारे बीच दर्द से शुरू होकर मजे वाला खेल होने लगा.

कुछ देर बाद …
जिया- मैं आ रही हूँ राज आह.
मैं- आह आ जा. मैं भी आ गया बस.

भाई और बहन की चुदाई में हम दोनों एक साथ झड़ गए और वैसे ही लिपट कर सो गए.

थोड़ी देर बाद जब मैं बाथरूम में गया तो वो भी पीछे से आ गयी और वापस दोनों साथ में नहा लिए.

कुछ समय बाद भाई आ गया.

फिर जब भी हमारा मन होता और रूम पर कोई नहीं होता तो रूम में सिर्फ़ ‘ऊओ इसस्स ऑश याअहह बेबी …’ यही आवाज़ें होतीं.