दोस्तो, मेरा नाम अर्शी है.
मैं आज आपको मेरी पहली चूत चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ.
यह सेक्स पेन स्टोरी आज से चार साल पहले की है. तब मैं कॉलेज के सेकंड ईयर में थी.
सबसे पहले मैं आपको अपनी फिगर की नाप बता देती हूँ.
मेरे मम्मे 36 इंच के हैं और हमेशा तने रहते हैं. मेरी कमर 28 इंच की है और मेरे कूल्हे 38 इंच के हैं.
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मैं कितनी सेक्सी माल हूँ.
एक दिन मैं लाइब्रेरी में किताब पढ़ रही थी, तभी एक लड़का मेरे बगल में आकर बैठ गया.
मैंने उसे देखा, वो बहुत हैंडसम था.
मुझे वो काफी पसंद आ गया.
मैं सोचने लगी कि ये मुझसे अब बात करेगा, तब बात करेगा.
मगर उसने मुझसे कुछ भी बात नहीं की और न ही मेरी तरफ देखा.
मैं काफी कसमसाती रही मगर उस बेदर्दी ने मेरी कोई इज्जत नहीं की.
इस तरह से उस दिन तो हमारी कोई बात नहीं हुई लेकिन अब वो रोज मेरे आस पास घूमने लगा था.
ये देख कर मैं हैरान थी और मैं भी उसकी हरकतों पर नजर रखने लगी.
चार दिन बाद उसने मुझसे हैलो कहा.
मैं अन्दर तक खुश हो गई और मुस्कुरा कर उससे हैलो कहा.
वो भी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया.
मैंने कहा- क्यों मुस्कुरा रहे हो?
वो सकपका गया और बोला- सॉरी.
मैंने कहा- सॉरी किसलिए?
वो बोला- मुस्कुराने के लिए.
मैं हंस पड़ी.
अब वो भी हंस पड़ा.
इस तरह से हमारे बीच बातचीत शुरू हुई.
उसका नाम राहुल था.
धीरे धीरे हम दोनों बातें करने लगे.
फिर हमारे नंबर्स भी शेयर हो गए.
अब हम दोनों फ़ोन पर घंटों बातें करने लगे.
धीरे धीरे हम दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया.
एक दिन हम दोनों सेक्स चैट कर रहे थे.
तभी उसने कहा- लॉन्ग ड्राइव पर चलोगी?
मैंने बोला- अरे यार, घर वाले नहीं जाने देंगे.
उसने बोला- उन्हें बोलो कि दोस्तों के साथ पढ़ने जा रही हूँ.
मुझे भी उसका ये आईडिया अच्छा लगा.
मैंने मम्मी को बोल दिया- मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ. उधर पढ़ाई करूंगी.
मम्मी ने हामी भर दी.
मैं घर से निकल गयी.
थोड़ी दूर जाते ही राहुल मुझे मिल गया, मैं जल्दी से उसकी कार में बैठ गयी.
उसने कार घुमायी और एक सुनसान सड़क पर दौड़ा दी.
मुझे अपने प्रेमी के साथ इस तरह से कार में जाते हुए बड़ा सुखद लग रहा था.
कुछ देर बाद उसने एक पेड़ के नीचे कार रोक दी.
तब मेरी नजर सामने गई, वहां दूर दूर तक कोई भी नहीं था.
मुझे ऐसी जगह पर डर लगने लगा.
तभी उसने कहा- बाहर निकलो.
मैं और वो गाड़ी से बाहर निकल आए और कार की पीछे वाली सीट पर जाकर बैठ गए.
उसने अपने बैग से रम की बोतल निकाली और एक पानी की बोतल में पैग बनाकर रम पीने लगा.
उसने मुझे भी ऑफर की लेकिन मैंने नहीं ली.
वो बोतल में ही पानी सोडा मिला कर ले रहा था.
उसके बहुत बोलने पर मैंने भी एक पैग उठाया और गट गट करके खत्म कर दिया.
पीने में मुझे कड़वी लगी मगर मैंने पी ली. पीने के बाद मैंने मुँह बनाया तो राहुल ने मेरे मुँह से मुँह लगा दिया और हम दोनों एक दूसरे की जीभ चूसने लगे.
उसकी जीभ चूस कर मेरे मुँह की कड़वाहट खत्म हो गई.
थोड़ी देर बाद मुझे नशा छाने लगा.
राहुल ने अपने लिए फिर से पैग बनाया और मुँह से लगा कर पीने लगा.
अपनी बोतल खत्म करते ही उसने मुझे कसके पकड़ा और मेरे होंठों को पीने लगा.
इस बार वो अपने मुँह का स्वाद सही कर रहा था. मगर मुझे जोश आ गया था.
मैं नशे में आ गई थी तो उसके होंठों को पागलों की तरह चूसने लगी थी.
उसने मेरे मुँह में अपनी जीभ अन्दर तक डाल दी और मैं उसकी ज़ुबान को चूसने लगी.
कुछ देर बाद उसने मेरी जीभ को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
मुझे उस सबमें बहुत मज़ा आ रहा था.
मेरी कुंवारी चूत गर्म पानी छोड़ रही थी, जिससे मेरी पूरी पैंटी भीग गयी थी.
राहुल ने मुझे सीट पर लेटा दिया और मेरे टॉप को उतार दिया.
मैंने मस्त अंगड़ाई की और उसे आंख मार दी.
ये देख कर उसने मेरी जींस को भी उतार दिया.
अब मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.
मेरा कामुक बदन देखते ही वो मुझ पर टूट पड़ा.
मेरी 28 इंच की पतली कमर को वो हर जगह से चूमने और चाटने लगा.
मैं कामुक सिसकारियां भर रही थी- आह आह उफ़ और तेज आह बेबी … आह राहुल रुको मत.
वो मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बड़े बड़े मम्मों को दबाने लगा.
इससे मुझे और भी मज़ा आने लगा.
मेरे निप्पल्स खड़े हो गए थे और चूत से ढेर सारा पानी बह रहा था.
कुछ पल बाद उसने मेरी ब्रा को भी उतार दिया और मेरे एक स्तन को मुँह में लेकर चूसने लगा.
मैं अब सातवें आसमान पर उड़ रही थी.
मेरे अन्दर दारू का नशा और बाहर सनम की मुहब्बत मुझे वासना की आग में झुलसाने लगी थी.
बस ऐसा लग रहा था कि जल्दी से मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया जाए.
उसने मेरे दूसरे मम्मे को जोर से पकड़ लिया और पहले वाले को काटने लगा.
मुझे मीठा मीठा दर्द होने लगा लेकिन मज़ा बहुत आ रहा था.
कुछ देर बाद उसने मेरी पैंटी को भी उतार कर फेंक दिया.
अब मैं पूरी नंगी थी.
उसने मेरी लपलपाती चूत देखी तो उसने बड़ी तेजी से अपने कपड़े खोलना शुरू कर दिए.
एक मिनट से कम समय में वो सिर्फ अंडरवियर में आ गया.
मैं उसकी अंडरवियर में उसके तने हुए लंड को देख कर चुदास से मरी जा रही थी.
उसने मेरी गुलाबी चूत को छेड़ना शुरू कर दिया.
मैं तड़पने लगी.
उसने अपनी एक उंगली से मेरी बुर को रगड़ना चालू कर दिया.
मैं पागलों की तरह चीखने लगी.
उसने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी और हिलाने लगा.
मैं चिहुंक उठी.
उसने मेरे दोनों मम्मों को पकड़ा और मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा.
मुझे उस समय कितना ज्यादा मज़ा आ रहा था, वो मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती.
कुछ देर बाद उसने मेरी चूत के दाने को मुँह में भर लिया, अपने होंठों में चूत के दाने को दबा कर खींचने लगा और काटने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरे बदन में आग लगती जा रही थी.
तभी मैं एकदम से अकड़ गई और चिल्ला दी- आह आह … उफ़ फ़क मी आह!
मैं झड़ गयी और निढाल होती चली गई.
मेरी चूत से लावा निकल गया जिसे राहुल ने जीभ से चाट लिया.
अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मुझे एकदम से हल्कापन महसूस होने लगा था.
राहुल ने फिर से मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर में मैं फिर से गर्म हो गयी.
अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मैंने उसके लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
कुछ देर के बाद राहुल मेरे मुँह में ही झड़ गया जिससे मुझे बहुत घिन सी आयी और मैंने कार से मुँह बाहर निकाल कर उलटी कर दी.
मेरे मुँह अन्दर करते ही राहुल ने फिर से मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया.
मैंने उसके लंड को चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया.
अब उसने मुझे लिटा दिया और मेरी बुर पर अपने औज़ार को घिसने लगा.
मैं चिल्लाने लगी- आह बेबी … प्लीज मुझे मत तड़पाओ … चोद दो मुझे जल्दी से वरना मैं मर जाउंगी.
उसने मेरे मम्मों को पकड़ कर एक जोरदार झटका लगा दिया.
उसका लंड चूत फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.
मेरी गांड फट गई.
एकदम से ऐसे लगा कि कोई गर्म सरिया मेरी चूत में पेल दिया गया हो.
उसका लंड 3 इंच करीब, मेरी चूत में जा चुका था.
मैं चिल्लाने लगी, मेरे मुँह से गालियां निकलने लगीं- आह मर गई बहन के लौड़े … बाहर निकाल भोसड़ी वाले.
लेकिन उसने मेरी बात नहीं सुनी और फिर से एक तेज झटका मार दिया.
इस बार उसका पूरा लंड मेरी छोटी सी चूत में अन्दर तक चला गया था.
मेरी आंखें बड़ी हो गयी थीं और उनसे आंसू गिरने लगे थे.
मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल रही थी.
कुछ पल बाद मैंने अपना हाथ नीचे किया और चूत को छुआ, तो उससे खून निकल रहा था.
मैं डर गई और जोर जोर से रोने लगी.
वो धीरे धीरे धक्के मारने लगा.
कुछ 5 मिनट बाद मेरा सारा दर्द गायब हो गया और मेरी दर्द भरी कराहें, मादक सिसकारियों में बदल गईं.
अब वो तेज तेज झटके मारने लगा.
मैं मस्ती में चिल्लाने लगी- आह आह … उफ़ उई मां और और तेज … और चोदो मुझे … आह फाड़ के रख दो इस कमीनी बुर को!
वो मेरे एक दूध को अपने मुँह लेकर मेरी चूत की मां चोदने में लग गया.
फिर उसने मुझे कार से आधा बाहर निकाला और सीट पर कोहनी रखवा कर मुझे घोड़ी बना दिया.
वो नंगा बाहर था और उसने मेरी गांड पर चमाट मार मार कर लाल कर दिया.
फिर उसने पीछे से मेरी चूत में लंड फंसाया और लंड एक ही झटके में चूत में पेल दिया.
मैं एकदम से चिल्ला पड़ी.
मगर वो मुझे तेजी से पेलने लगा था और मेरे मम्मों को दबा रहा था.
थोड़ी देर बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया.
झड़ने के बाद हम दोनों ने कुछ देर तक आराम किया.
एक बार उसने फिर से मुझे चूमना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद मैं भी फिर से गर्म हो गयी.
अब दूसरा राउंड शुरू हो गया.
उसने फिर से अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया, लेकिन इस बार मुझे ये बिल्कुल सही नहीं लगा इसलिए मैंने मना कर दिया.
उसने अपने लंड पर ढेर सारा थूक मल लिया और मेरी चूत में डाल कर जोर जोर से धक्के मारने लगा.
इस बार मुझे चूत में बहुत तेज़ जलन होने लगी.
मैंने उससे रुकने को बोला पर वो नहीं रुका.
सच में मुझे इस बार सेक्स पेन के कारण ज़रा सा भी मज़ा नहीं आ रहा था.
मुझे बहुत जलन हो रही थी. मैं अब सहन नहीं कर पा रही थी. मेरे पास रोने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था.
मैं जोर जोर से रोने लगी लेकिन राहुल रुक ही नहीं रहा था.
मुझे पता था कि ये इतनी जल्दी नहीं रुकेगा. वो पहले ही दो बार झड़ चुका था, तो इस बार तो वो लम्बा चलेगा.
मैं चुपचाप उसका लंड और सेक्स पेन झेलने लगी.
कुछ देर बाद मेरी जलन कम हो गयी और मुझे मस्ती चढ़ने लगी.
मैं अपने मम्मों को खुद दबाने लगी और ‘आह आह उफ़ उफ़ आआ आआ आह फ़क …’ चिल्लाने लगी.
वो मुझे चिल्लाता देख कर और जोर से धक्के देने लगा.
तभी मैं झड़ गयी और उसके पंद्रह मिनट बाद वो भी झड़ गया.
हमने एक दूसरे को कपड़े पहनाए और रम का एक एक पैग लगाया.
सिगरेट पीते हुए कुछ देर मस्ती करने के बाद हम दोनों वापस चल पड़े.
वो मुझे मेडिकल स्टोर पर ले गया और वहां से गर्भरोधी गोली लेकर मुझे दे दी ताकि मैं प्रेग्नेंट ना हो जाऊं.
फिर उसने मुझे घर से थोड़ी दूर उतार दिया और मैं घर चली गयी.
इसके बाद हमने बहुत बार सेक्स किया और उसने मेरी गांड भी मारी.
वो चुदाई कहानी मैं फिर कभी बताऊंगी.
आपको मेरी सेक्स पेन कहानी पसंद आयी होगी.
मुझे मेल करके जरूर बताएं.
धन्यवाद.
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