हाय दोस्तो, मैं आपका दोस्त असलम!
मैं मेरी लेडी पुलिस सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.
मैंने अब तक बहुत सी औरतें चोदी हैं लेकिन इस बार पुलिस वाली की चुदाई करने का मौका मिला जो कि एक सच्ची घटना है.
मेरे दो घर हैं. एक गांव में, दूसरा शहर में.
लेकिन हम लोग गांव में रहते हैं.
मैं शहर आता जाता रहता हूँ. “wild sex stories”
शहर वाले घर में मैं अकेला ही रहता था. शहर में मैं जहां रहता हूँ, वहां इस बार कोरोना काल में बहुत से कोरोना के केस आए हुए थे.
सरकार ने न जाने कितनी ही आस-पास की सोसायटी सील कर दी थीं.
हर सोसायटी के बाहर 16 दिन के लिए कन्टेन्टमेंट जोन बना कर पुलिस तैनात कर दी गई थी ताकि कोई आ-जा ना सके.
मेरी सोसाइटी में गिनती के सात घर थे, उसमें से दो घर बंद ही रहते थे.
अभी तक मेरी सोसायटी में कोई टेस्टिंग नहीं हुई थी.
फिर जब टेस्टिंग किए जाने के लिए मेरी सोसायटी का नंबर आया, तब 4 घरों में पूरा का पूरा परिवार पॉजिटिव आया.
दो बंद थे तो उनकी जांच का कोई मतलब नहीं था.
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इस तरह से बस एक मेरे घर को छोड़ कर पूरी सोसाइटी संक्रमण की चपेट में आ गई थी.
मेरा घर गांव में था, मगर मैं उस दौरान शहर वाले घर में आया हुआ था और यहां फंस गया था क्योंकि लॉकडाउन लग गया था और मैं शहर किसी काम से आया था.
सोसाइटी के 4 घरों की पूरी फैमिली पॉजिटिव आई तो 16 दिन के लिए सोसाइटी को सील कर दिया गया.
बाहर पुलिस का पहरा बैठा दिया.
अब पुलिस वालों की हालत वैसे भी खराब थी. एक तरफ लॉक डाउन, दूसरी तरफ पॉजिटिव सोसाइटी का पहरा. ऊपर से भीषण गर्मी पड़ रही थी.
मेरी सोसाइटी में पुलिस पहरा लगाया गया था, तो वहां 2 पुलिस वालियों को 16 दिन के लिए चार्ज दिया गया था.
उन 16 दिनों के लिए उनकी जरूरी व्यवस्था जैसे कि नहाना और बाथरूम आदि के लिए सोसाइटी के जो 2 मकान बंद थे, उनमें से एक को खुलवा दिया गया था.
उस मकान मालिक ने मकान की चाभी सोसाइटी के सेक्रेटरी को दी हुई थी और मकान मालिक विदेश में रहता था.
जिन 4 घरों में संक्रमण आया था, उसमें एक घर सेक्रटरी का भी था इसलिए अब चाभी सेक्रटरी से लेकर उन दो पुलिस वालियों को दे दी गयी थी.
इस तरह से अगले 16 दिन के लिए सोसाइटी को सील कर दिया गया था.
अब हुआ ये कि जो मकान पुलिस की उन दोनों महिलाओं को दिया गया था, उसमें एक पुलिस वाली बाथरूम गयी, तब उसे पता चला कि उसमें पानी नहीं आ रहा है.
अब वो उन 4 मकानों में जा नहीं सकती थी … क्योंकि उधर पॉजिटिव मरीज थे.
इसलिए उस बंदी ने मेरे घर की घंटी बजाई.
मैं उस समय सिर्फ अन्डरवियर में ही था और मुझे नहीं पता था कि बाहर पुलिस वाली होगी.
मैंने सोचा कि साला सील बंद सोसाइटी में किसने घंटी बजाई होगी. मैंने दरवाजा खोल दिया तो सामने देखा कि पुलिस वाली खड़ी थी.
वो मुझे इस हालत में देख कर शर्मा गयी.
मैं भी झेम्प गया.
फिर मैं बोला- जी कहें … क्या सेवा कर सकता हूँ?
वो बोली- देखिए जो हमें सामने वाला मकान दिया गया है, वहां बाथरूम में पानी नहीं आ रहा है और मुझे आपके मकान में वाशरूम जाना है.
मैं उसकी बात काटते हुए बोला- अरे मेरे बाथरूम का इस्तेमाल कर लीजिए.
वो बाथरूम गयी.
तब तक मैंने पैंट पहन ली.
कुछ देर बाद वो बाहर आयी और बोली- आपके कोई घर में है नहीं क्या?
मैंने कहा- जी मैं अकेला ही हूँ. वैसे मेरा गांव में घर है, लेकिन यहां किसी काम से आया था और लॉकडाउन में फंस गया हूँ.
तब वो मेरी तरफ देखती हुई बोली- ठीक है.
मैंने कहा- देखिए मैडम, जब तक आपकी यहां ड्यूटी है, आप मेरा मकान इस्तेमाल कर सकती हैं.
वो मान गयी और वापस जाने लगी.
अब मैं आपको बता दूँ कि वो कितनी सेक्सी लग रही थी.
उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि साली को पकड़ कर अभी ही चोद दूँ.
ऊपर से वो जिस तरह की चुस्त वर्दी में थी, उसमें से उसके दूध एकदम उभर कर आ रहे थे.
चुस्त पैंट में उसकी गांड भी एकदम कसी हुए थी.
खैर … वो चली गई.
अब रात में दोनों उस मकान में सोने गईं लेकिन मकान का पंखा ठीक से चल नहीं रहा था और गर्मी के दिन थे.
फिर वो दोनों छत पर सोने गईं लेकिन गर्मी के कारण अकुलाहट बहुत हो रही थी.
कुछ देर बाद ठीक 9 बजे फिर से मेरे घर की घंटी बजी.
मैंने दरवाजा खोला देखा तो सामने दोनों खड़ी हुई थीं.
मैं इस समय भी अन्डरवियर में था.
तब जो दिन में आयी थी, वो मुझसे बोली- उस मकान में गर्मी बहुत है. तुम्हें दिक्कत ना हो तो हमें इधर सोने मिलेगा?
मैं बोला- नहीं नहीं … कैसी दिक्कत, आइए.
अब वो दोनों अन्दर आ गईं.
मैं बोला- अन्दर रूम में आप दोनों सो जाइए, मैं बाहर हॉल में सो जाता हूँ.
वो दोनों अन्दर गईं लेकिन दो मिनट ही एक बाहर आ गई.
ये वही वाली थी जो दिन में आयी थी.
मैं उस समय अपने फोन में ब्लू फिल्म देख रहा था.
जब वो आयी तो मैंने जल्दी से मोबाइल बंद किया और पूछा- क्या हुआ … कुछ चाहिए?
वो बोली- जी, नींद नहीं आ रही है इसलिए बाहर आ गई.
वो मेरे करीब बैठ गई.
उससे इधर उधर की बातें होने लगीं.
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बातचीत में पता चला कि उसका नाम अंकिता है और दूसरी वाली का नाम अंजलि था.
हम दोनों बात कर रहे थे.
हमारे बीच में अब आप वाली औपचारिकता खत्म हो गई थी
उसने पूछा- तुम अकेले ही रहते हो?
मैं बोला- हां अंकिता जी.
वो बोली- सिर्फ अंकिता बोलो यार!
मैंने ओके कहा.
अब उसने एक ऐसा सवाल किया कि मेरी गांड फट गई.
वो बोली- सेक्स कैसे करते हो?
यह सुन कर मैं चौंक गया और बोला- क्या मतलब?
अब वो बोली- ज्यादा मत बनो, सेक्स कैसे करते हो … मुठ मारते हो क्या?
अब मैं भी खुल कर बोला- हां … और कर भी क्या सकता हूँ.
उसने पूछा- शादी हो गई?
मैं बोला- नहीं अभी तक नहीं.
वो बोली- फिर सेक्स किया भी है … या ऐसे ही फिल्म देख कर हिला लेते हो?
मैं बोला- हां किया है, बहुत सी के साथ किया है.
वो हम्म करके मेरी तरफ देखने लगी.
फिर मैंने पूछा- तुम शादीशुदा हो?
वो बोली- हां.
मैंने कहा- तब तुम्हारा तो काम हो जाता होगा मतलब सेक्स वगैरह.
वो बोली- नहीं यार, हमारी ड्यूटी का कोई ठिकाना नहीं कभी रात काली हो जाती हो, कभी दिन. अब देखो 16 दिन यहां फंसी पड़ी हूँ.
मैं बोला- फिर कैसे गुजारा करती हो … या पुलिस वाली हो तो किसी ऑफिसर के साथ …
वो बोली- नहीं यार, हमें इस सबका समय ही नहीं मिलता है और घर से भी दूर रहना पड़ता है.
मैंने उससे पूछा- मैं सिगरेट पी लूं कोई दिक्कत तो नहीं है.
वो हंस कर बोली- नहीं यार … बल्कि मैं भी एकाध कश लगा लूंगी.
मैंने सिगरेट सुलगाई और उसकी तरफ बढ़ा दी.
उसने भी अपने होंठों में सिगरेट दबाई और एक लम्बा कश खींचा.
फिर वो धुंआ उड़ाती हुई मुझसे बोली- मैं तुम्हें कैसी लगी?
मैंने उसकी चूचियां देखते हुए कहा- सेक्सी हो.
वो बोली- वैसे तेरा हथियार जोरदार है.
मैं बोला- मतलब … तुमने कब देखा.
वो हंस कर बोली- चड्डी में लंड साफ़ खड़ा दिख रहा था.
उसके मुँह से लंड शब्द सुन कर मेरा लौड़ा एकदम फनफना उठा.
अब मैं उठ कर उसके पास बैठा और उसकी तरफ देखने लगा.
उसने आंख मारी तो मैं उसे किस करने लगा ‘ऊऊम्माह … ऊऊम्माह …’
उसने मुझे रोका और बोली- ये गलत है यार!
मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है साली तेरी जो जरूरत है, वो मेरी भी है.
ये कह कर मैंने उसके दूध दबा दिए.
वो हंस दी.
तो मैंने उसके कपड़े उतार दिए और उसने मेरा अन्डरवियर उतार दिया.
अब हम दोनों नंगे थे और मैं उसके मम्मे काट रहा था और मसल रहा था.
वो भी मेरा लंड हिला रही थी.
मेरा लंड 7 इंच लंबा और 2.5 मोटा पूरा कड़क हो गया था.
वो बोली- तेरा तो काफी बड़ा है.
मैं बोला- क्यों तेरे पति का नहीं है?
वो बोली- नहीं, इतना बड़ा नहीं है … उसका 5.5 इंच का है.
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अब मैं जोर जोर से उसके दूध काटने दबाने लगा.
वो भी मस्ती से मेरा लंड हिला रही थी और मेरी छाती चूम रही थी.
हम दोनों किसिंग किए जा रहे थे. हमारी जीभें आपस में लड़ने लगीं ‘ऊऊम्मा … आंह … उन्ह …’
मैंने बोला- अभी तेरे बच्चे नहीं हुए हैं.
वो हैरानी से बोली- तुझे कैसे पता?
मैं बोला- तेरे मम्मों और निप्पलों से पता चल गया है कि ये किसी बच्चे से चुसे हैं कि नहीं.
वो बोली- ये कैसे जान लिया?
मैंने कहा- पता नहीं कैसे मुझे ये अंदाजा हो जाता है कि किसकी चूचियां बच्चे ने चूसी हैं और किस की नहीं.
वो मेरी बात से खुश हो गई थी.
वो बोली- हां तूने सही कहा है … मुझे अभी बच्चा नहीं हुआ है.
मैंने कहा- तुझे चाहिए हो तो बता देना.
वो हंस दी.
अब हम दोनों ने पोज बनाया और हम दोनों 69 में आ गए.
मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लंड मुँह में लेने लगी.
काफी देर तक लंड चुत की चुसाई का दौर चला.
मैं एक बार उसके मुँह झड़ गया और वो भी दो बार मेरे मुँह में ही झड़ गयी.
अब वो फिर से मेरा लौड़ा हिला कर खड़ा करने लगी और कुछ ही मिनट में लंड खड़ा हो गया.
खड़ा लड़ देख कर वो टांगें फैला कर सीधी लेट गयी.
मैंने उसकी टांगें पकड़ीं और अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर सैट कर दिया.
वो मेरी आंखों में वासना से देख रही थी.
मैंने उसे आंख मारी और लंड चुत के अन्दर डालने लगा.
वो ऊपर से चूत सहलाने लगी और बोली- धीमे पेलना!
लेकिन मैं कहां उसकी सुनता … मैंने पहले चुत की फांकों में सुपारा घिसा और सुपारा अन्दर बाहर किया.
वो अपनी मुट्ठियां भींचने लगी.
मैं समझ गया कि इससे लंड झेला नहीं जाएगा.
अब मैंने अपना मुँह उसके मुँह पर रखा और होंठों से उसके मुँह को बंद कर दिया.
वो मेरे होंठों को चूसने में अपना ध्यान बंटाने लगी और उसी पल मैंने एक तेज झटके से पूरा लंड चुत में पेल दिया.
वो हिल गई मगर चीख नहीं पाई.
मैंने जल्दी जल्दी 3-4 तगड़े झटके लगा दिए.
उसकी आंख में से पानी निकल गया.
फिर मैं उसके ऊपर 2 मिनट लेटा रहा.
जब वो नॉर्मल हुई तो फिर से चुदाई शुरू की.
अब वो भी मजे से चुत चुदाने लगी.
‘गप्प गप्प गप …’ की आवाज गूँजने लगी.
वो- आआई मम्मी रे … मर गई उउह … कर दिया मर्दाना शॉट मार रहा है … आंह चोद भोसड़ी के … चोद … कितने मर्द देखे … आंह मगर तेरे जैसा मर्दाना ताकत पहली बार … आह … चोद … अपनी इस भूखी कुतिया को आह … चोद … मजा आ गया राजा.
वो गांड उछाल उछाल कर मजे से चुदाई करवाए जा रही थी और मैं भी तेजी से उसे चोद रहा था.
लगभग बीस मिनट की चूत चुदाई के बाद मेरा दूसरी बार पानी निकलने वाला था.
मैंने उससे पूछे बिना मेरा पानी उसकी चूत में झाड़ दिया और लंड पेले हुए ही उसके ऊपर लेटा रहा ताकि पानी बाहर ना आए.
फिर 4-5 मिनट बाद लंड चूत से निकाला.
मेरा पूरा लंड चिकना हो गया था और चूत का पानी भी रिसने लगा था.
अब मैं सोफ़े बैठ गया और सिगेरट सुलगा ली.
वो मेरे लंड के सामने घुटनों पर आ गई.
मैंने उसके मुँह में लंड दे दिया और वो चूसने लगी.
मेरे हाथ से सिगेरट लेकर लंड चूसती रही.
लगभग दस मिनट में फिर से लंड खड़ा हो गया.
अब मैंने उससे कहा- इस बार मेरा लंड तेरी गांड में जाएगा.
वो बोली- हां आ जा.
फिर वो मेरी गोद में बैठने लगी और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर अपनी गांड में डालने लगी लेकिन उसकी गांड बहुत कसी हुई और काफी टाइट थी.
वो अपनी गांड में लंड घुसाए जा रही थी.
मैं भी पूरा जोर लगा कर उसकी गांड में लंड डाल रहा था.
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इस आसन में उसे दर्द हो रहा था फिर मैंने उसे घोड़ी बनने का बोला.
वो घोड़ी बन गई.
फिर मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और उसकी गांड में भी तेल लगा दिया.
पहले उंगली से गांड को ढीला किया, फिर गांड मारने लगा.
वो जरा तड़फी मगर लंड झेल गई- आआआह मर गई … आह फाड़ दी साले ने आआह … आगे ही कर ले मेरे बाप … आआह गांड में बहुत दर्द हो रहा है आआह!
वह अपनी गांड ठुकवाए जा रही थी और चिल्ला भी रही थी.
दस मिनट में ही मेरे लंड ने हार मान ली और मैंने पानी उसकी गांड में ही छोड़ दिया.
ऐसे ही पूरी रात में 4 राउन्ड की चुदाई हुई.
सुबह होते ही उसने नहा कर अपनी वर्दी पहनी और तैयार हो गई.
तब तक अंजलि भी बाहर आ गयी.
अब मेरी नजर अंजलि पर भी थी.
वो दोनों सोसाइटी के गेट पर चली गईं क्योंकि दोनों की ड्यूटी शुरू हो गई थी.
सुबह समय आरोग्य विभाग से चैक करने आते थे.
उनके जाने बाद दोपहर में अंकिता फिर से आयी और हमने दोपहर में ही 2 राउन्ड किए.
मैं बोला- अंजलि से …
तो वो बोली- हां अंजलि को पता चल गया. वो पूछ रही थी कि रात को रूम में नहीं थी. तो मैंने उसे बताया. वो भी चाहती है.
फिर मैं बोला- ठीक है. आज रात में दोनों को एक साथ बजाता हूँ.
वो हंस दी.
फिर मैं रात का इंतज़ार करने लगा और ठीक 8 बजे दोनों आ गईं.
उस समय दोनों वर्दी में ही थीं और मैं सिर्फ अन्डरवियर में था.
दोनों को मैंने किस किया ‘उमम्मा …’
मैंने दारू की बोतल उठाई और उन दोनों की तरफ देखा तो वो दोनों खुद से दारू की तलबगार लगीं.
बस फिर क्या था … पैग बने चियर्स हुआ और पार्टी शुरू हो गई.
मैंने एक पैग बाद उन दोनों से कपड़े उतारने का कहा.
दोनों नंगी हो गईं, केवल ब्रा पैंटी में रह गईं.
अंजलि 32 साल की थी. उसका जिस्म 34-32-36 का था जबकि अंकिता का 36-34-38 का था.
मैंने अंजलि से पूछा- क्या तू भी शादीशुदा है?
तब अंजलि बोली- हां, लेकिन पति बाहर ज्यादा रहता है और मेरी भी ड्यूटी ऐसी है कि प्यासी ही रहना पड़ता है.
फिर मैं बोला- तू सेक्स कैसे करती है.
वो सिगेरट का धुंआ उड़ाती हुई बोली- मेरी ड्यूटी कभी कोई नेता के घर या कभी कोई जज के घर, कभी कोई सीनियर अधिकारी के घर लगती है. उधर ही सैट हो जाती हूँ और सेक्स कर लेती हूँ.
यह सुन कर अंकिता बोली- साली बड़ी हरामिन निकली तू तो … कितने लंड खा चुकी?
अंजली हंसी और बोली- गिने नहीं.
अब मेरे एक ओर अंकिता और एक तरफ अंजलि बौठी थीं. दोनों पुलिस वाली नंगी थीं और मैं बीच में बैठ कर दोनों को किस कर रहा था.
उउउम्मा …
फिर मैंने दोनों के बाकी के कपड़े भी उतार दिए और मैं भी पूरा नंगा हो गया.
अंजलि मेरा लंड देख कर बोली- वाह क्या धांसू लंड है भोसड़ी वाले का … यह तो मेरी फाड़ ही देगा.
अंजलि के मुँह से ये सुन कर मेरा खून खौल गया और गर्मी डबल हो गयी.
मैं अंजलि और अंकिता के दूध पीने और चाटने लगा. अंजलि के मम्मों में से दूध आ रहा था.
मैंने पूछा- कितने बच्चे हैं?
अंजलि बोली- एक बेटी है.
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मैं बोला- वो घर पर अकेली कैसे रहती होगी?
अंजलि बोली- मेरे घर काम वाली बाई के पास रहती है.
अंजलि ने पूछा- लेकिन तुझे कैसे पता कि मैं बच्चे वाली हूँ.
मैंने जो अंकिता को बोला था, वो ही उसे बोला कि तेरे मम्मों से दूध आ रहा है.
मेरी बात सुनकर अंकिता ने भी अंजली का एक चुचा मुँह में ले लिया.
उसने भी अंजलि के मम्मों से दूध का टेस्ट लिया.
हम तीनों ऐसे ही किसिंग और मम्मे चुसाई में खेल में लगे रहे.
फिर मैं एक एक करके दोनों के मुँह में लंड देकर चुसवाने लगा.
दोनों लंड चूसने लगीं.
मैं आंख बंद करके सीसीईईई किए जा रहा था.
दोनों मस्त लंड चूसे जा रही थीं.
फिर मैंने अंजलि को सीधा लेटा दिया और अंकिता को उसके मुँह पर बैठने का बोला.
अंकिता अपनी चूत खोल कर अंजलि के मुँह पर बैठ गयी और अंजलि अपनी जीभ अंकिता की चूत डाल कर चूत चाटने लगी.
मैंने अपना लंड अंजलि की चूत में पेल दिया और चुदाई करने लगा.
‘गप … गप … गप्प … गप …’
मैं लंड चुत में अन्दर बाहर करने लगा और अंजलि मजे से गांड उठा कर चुदवा रही थी. मैं अंकिता के बूब्स को मुँह में लेकर खींच खींच कर उसे चोदे जा रहा था.
ऐसे ही मैंने अंजलि की चूत चोदी और अपना पानी अंजलि की चूत में डाल दिया.
लेकिन मैंने अंकिता की तरह लंड चुत में रोका नहीं, जल्दी से बाहर निकाल लिया जिससे पूरा पानी अन्दर नहीं गया.
अब मैं फिर से अपना लंड दोनों से चुसवाने लगा और अब बेड पर अंजलि को उल्टा लेटने को बोला.
अंजलि औंधी लेट गई.
मैं अंकिता से बोला- तू भी उल्टी लेट जा, लेकिन तेरा मुँह अंजलि की गांड में लगा रहेगा … समझ गई?
उसने हां में सर हिला दिया.
अंकिता अंजलि के नीचे पीठ के बल उल्टी लेट गई और अपने मुँह से अंजलि की गांड चाटने लगी.
मैंने अंकिता की गांड में लंड डाल दिया और अंकिता की गांड ठोकने लगा.
फिर कुछ देर बाद मैं बैठ गया और अंजलि को मेरे लंड पर बैठा कर उसकी गांड में लंड डाल दिया.
अंकिता अपनी जीभ से मेरी गोटियां सहला रही थी और चाट रही थी.
मैं अंजलि की गांड मार रहा था.
कुछ देर बाद मेरा पानी फिर से निकलने को हो गया था.
मैंने अंजलि की गांड में वीर्य टपका दिया.
ऐसे ही हम तीनों ने रात भर पुलिस सेक्स का पूरा मजा लिया.
हमारी आशनाई पूरे 16 दिन तक चली हमने खूब मजे लिए.
फिर उन दोनों की ड्यूटी हट गई.
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सोसाइटी की बंदिशें भी खत्म हो गई थीं.
फिर मैं भी गांव चला गया.
अभी एक महीना पहले अंजलि की पोस्टिंग मेरे ही गांव के थाने में हुई और उसे गांव के पंचायत का घर रहने मिला है.
मैं अब अंजलि को गांव में चुदाई का सुख ले रहा हूँ.
आजकल अंकिता छुट्टी पर है क्योंकि उसे बच्चा होने वाला है.
दोस्तो, मैंने दो पुलिस वालियों को लॉक डाउन में चोदने की अपनी सेक्स कहानी आपको सुनाई, आपको कैसी लगी यह लेडी पुलिस सेक्स कहानी?
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