मेरा नाम नीलम है मैं 42 साल की औरत हूं मेरे पति नहीं है उन्होंने मुझे छोड़कर किसी दूसरे औरत के साथ शादी कर लिया है। मैं अपने बेटे राजीव के साथ दिल्ली के मंगोलपुरी एरिया में रहती हूं। आज मैं आपको अपने सेक्स कहानी इस वेबसाइट के माध्यम से आपके सामने रख रही हूं। यह मेरी सच्ची कहानी है मां बेटे की सेक्स कहानी। उम्मीद करती हूं आपको मेरी यह कहानी बहुत पसंद आएगी अगर पसंद आई तो मैं अपनी दूसरी कहानी भी आप लोगों के सामने इसी वेबसाइट के माध्यम से पेश करूंगी।
आजकल दिल्ली में काफी सर्दी पड़ रही है जैसा कि आप लोग टीवी पर देख रहे होंगे। अकेली औरत बिना पति के और सर्दी का मौसम कितना मुश्किल होता है जिंदगी जीना वह मेरे से ज्यादा कोई नहीं जानता है। सर्दी का मौसम काटने के लिए या तो रजाई की जरूरत होती है या तो जुदाई चुदाई की जरूरत होती है। असल में 1 दिन छत पर मैंने रजाई को सूखने के लिए दिया था और टंकी का पानी से मेरा पूरा रजाई भी गया इस वजह से मैं मां बेटे को 1 दिन के लिए दिक्कत हो गई थी सोने के लिए और वही दिक्कत हम दोनों के प्यार में बदल गया और प्यार चुदाई तक आ गया।
असल बात यह है मेरी रजाई नहीं भेजी थी मेरे बेटे की थी मेरा बेटा 22 साल का है। रात को उड़ने के लिए कुछ वैसा था ने इस वजह से मैंने उसको बोला कि आकर मेरे बेड पर ही सो जाओ। बेटे को शर्म आ रही थी मां के साथ कैसे सोए उसने कहा उलट पलट कर सो जाते हैं मैं आपके पैर के तरफ सो जाता हूं और एक ही रजाई हम दोनों ओर लेंगे। पर मुझे अच्छा नहीं लग रहा था कि मेरा बेटा मेरे पैरों के पास हुए इस वजह से मैंने उसको अपनी तरफ से बुला लिया और उससे बोला कि मां बेटे का रिश्ता बहुत पाक होता है इस वजह से तो चिंता ना करो। बेटा कितना भी बड़ा हो जाता है मां से हमेशा छोटा ही रहता है।
हम दोनों साथ हो तो गए पर मां बेटे का रिश्ता ज्यादा देर तक रह नहीं पाया। मुझे नींद जल्दी आ गई क्योंकि मुझे गर्माहट मिली थी पर मेरे बेटे को नींद नहीं आ रही थी इस वजह से वह मोबाइल में कुछ पढ़ रहा था शायद sexseen.fun पर कहानियां ही पढ़ रहा था। मैं आराम से सो गई उसके तरफ पीठ करके पर अचानक नींद खुली तो मैंने पाया कि मेरी साड़ी और मेरा पेटिकोट ऊपर है और मेरी पूरी गांड खुली हुई है। मेरे को मेरा बेटा फैला रहा था। मैं कुछ भी नहीं बोल पाई मैं क्या कहती अगर मैं कुछ कह देती तो जिंदगी भर हम दोनों एक दूसरे से आंख नहीं मिला पाते। इसलिए मैं चुप रहना ही बेहतर समझी।
धीरे-धीरे वह मेरी जांघों को सहलाने लगा फिर मेरे पेट को सहलाने लगा जब उसके हाथ में ब्लाउज के ऊपर पड़ा तो मैंने उसको रोका हाथ पकड़कर कुछ बोली नहीं। पर उसने मेरे हाथ को सहला दिया जैसा कि यह कहने की कोशिश करो ओके कोई बात नहीं। मैं कुछ नहीं बोली मैं छोड़ दी उसको जो करना चाह रहा था करने दी उसने धीरे धीरे मेरे ब्लाउज के हुक खोल दिया। फिर उसने ब्रा का हुक भी खोल दिया मेरे दोनों चूचियां बाहर निकल गई अब उसको सहलाने लगा दबाने लगा दबोच ने लगा। मेरे निप्पल को उंगली से रगड़ने लगा। औरत मैं भी हूं बिना पति की हूं और अभी भी मेरी जवानी बरकरार है ऐसे में अपने आप को रोक नहीं पाए और मैं सीधी हो गई अपनी टांगों को फैला दी। और अपने बेटे का लंड पकड़ लिया
मैंने नारे को ढीला कर दिया पेटीकोट को नीचे कर दी। मैं पूरी तरीके से नंगी हो चुकी थी मेरा बेटा भी अपना कपड़ा खोल लिया था। वह मेरे होंठ को चूमने लगा मैं भी रो कि नहीं मैं भी धीरे-धीरे करके अपना दिल दे बैठे और उसको बाहों में ले लिया पैरों में उसको फसा लिया और उसके होंठ को चूमने लगे उसके गाल को चूमने लगी। मैं कामुक हो गई थी मैं अंतर्वासना से भर गई थी मेरे से रहा नहीं जा रहा था मैंने उसको बोला कि यह बात हम दोनों के बीच में रहेगा तुम कभी किसी को नहीं बोलना। मेरा बेटा बोला कि कैसी बात करती हो या कोई बोलने वाली बात है बंद कमरे में जो हो रहा है होने दो आज के बाद हम दोनों एक नई जिंदगी जीना शुरू करते हैं।
मेरा बेटा मेरे ]चूत के अंदर अपनी उंगली डाल दिया, और अंदर बाहर करने लगा। गरम गरम पानी निकल रहा था मेरी चूत से अब वह में चूत को चाटने लगा। मेरे को दबाने लगा। मेरे निप्पल को पीने लगा। मैंने टांगों को फैला दिया हाथ ऊपर कर दी मेरा पूरा बदन देखकर वह पागल सा हो गया अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगाया और जोर से घुसा दिया। जैसे उसका लंड मेरी चूत के अंदर दया मैं पागल सी हो गई मैं अंगराईयां लेने लगी दांतो को पीसने लगी। मेरे मुंह से आह आह की आवाज निकलने लगी। मेरा बेटा जोर-जोर से मुझे चोद रहा था और मैं भी चुदाई का आनंद ले रही थी।
मैं अपने बेटे के ऊपर चढ़ गई उसके छाती पर हाथ रखे अपनी पूरी गांड उसके लंड पर देखें और पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया। अब नीचे से दे रहा था मैं ऊपर से धक्के दे रही थी उसका लंड मेरी गांड के अंदर जा रहा था। फिर मुझे वह घोड़ी बनाकर पीछे से चोदा। कभी ऊपर कभी नीचे। हम दोनों एक दूसरे को खुश कर रहे थे। वह जब मेरी चूचियों को दबाता था मेरे पूरे शरीर में करंट से दौड़ जाती थी जब उसका लैंड मेरे चूत के अंदर जाता था मैं पागल हो जाती थी।
सच बताती हूं दोस्तों इतना प्यार इतनी संतुष्टि तो मुझे अपने पति से भी कभी नहीं हुआ था। रात भर खूब चूड़ी रजाई के अंदर। यह कल की ही कहानी है। जब आज सुबह हुआ तो हम दोनों इतने खुश थे इतने बदल गए थे लग ही नहीं रहा था कि हम दोनों मां बेटा हैं। हम दोनों बहुत खुश हैं।