अपनी कुंवारी बेटी की चुदाई करवा ली

मेरा नाम चमेली है और मैं बरेली के रहने वाली हूं.
मुझे चूत गांड चुदवाना बेहद पसंद है.
मेरा एक लंड से पेट नहीं भरता है इसलिए मैं अपने पति के लंड से खुश नहीं थी.

दोस्तो, आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ बता देना चाहती हूँ.

मैं एक जनजाति से हूँ और हमारी बिरादरी में सेक्स को खुले तौर पर लिया जाता है.
यहां तक कि हमारे यहां बाप बेटी तक में चुदाई के रिश्ते को गुनाह की नजर से नहीं देखते हैं.

ओपन सेक्स इन द फॅमिली शायद इसलिए होता है क्योंकि हमारी आबादी कम है और हम लोग अपनी ही जाति में शादी विवाह करते हैं.
हमारा मुख्य धंधा कच्ची शराब बनाने और बेचने का है. इसलिए पैसा खूब बरसता है.

हमारी जाति की महिलाएं बहुत खूबसूरत होती हैं और मेहनतकश भी!
कई बार पुलिस वाले भी हमारी महिलाओं को चोदने के लिए ले जाते हैं और इसमें हम कोई बुराई भी नहीं मानते हैं.

अब मैं ओपन सेक्स इन द फॅमिली की कहानी पर वापस आती हूँ.

मेरे पहले पति से मेरी एक लड़की भी है, जो अब जवान हो गई है.

अब तक उसकी नथ नहीं उतरी है.
किसी पुलिस वाले की उस पर नजर न पड़ जाए इसलिए मैं उसे घर में रहने की कहती हूँ.

ऐसा नहीं है कि उसे चुदवाना नहीं है.
बस सोच यह थी कि यह लड़की अपनी बिरादरी के किसी लंड से ही अपनी बुर की सील तुड़वाए.

शराब पीकर मैं अपने पति से खूब चुदवाती हूँ और पति के अलावा भी मेरा जिससे मन हो जाता, मैं उसके सामने टांगें खोल कर लेट जाती हूँ.

कुछ पुलिस वाले तो मेरे ही कारण मेरे डेरे पर छापामारी करने नहीं आते थे.
वे सिर्फ मुझे चोदने मेरी झोपड़ी में घुस जाते और मुझे चोद कर चले जाते.

मेरे इस त्याग के कारण अपने डेरे में मेरी बड़ी इज्जत थी.

एक रात मैं अपने पति के साथ दारू पी रही थी.
नशे की हालत में मैंने अपने मुँह से पति से कह दिया कि मैं तुमको छोड़कर भाग जाना चाहती हूँ. तुम मुझे बहुत अच्छी तरह नहीं चोद पाते हो और मैं अपने आपको बहुत ज्यादा समय तक दुःखी नहीं रख सकती हूँ.

मेरे पति का नाम अर्जुन है.
उसके मुँह से एक आवाज आई- चमेली तुम जो चाहो, मैं वह करूंगा लेकिन तुम मुझे छोड़ कर मत भागो. मैं तुम्हारे बिना मर जाऊंगा. यह डेरा भी तुम्हारी वजह से ही चलता है.

उसकी यह बात सुनकर मैंने उससे कहा- ठीक है, मैं तुम्हारे साथ ही रहूँगी … लेकिन तुमको मेरी हर बात माननी होगी. मुझे कभी किसी भी बात की खातिर मना मत करना.
अर्जुन तैयार हो गया.

अब मैंने चैन की सांस ली और अपने पति अर्जुन को गले से लगा लिया.

मैंने कहा- देखो, मैं तुम्हारे साथ चुदाई करवाने के लिए तैयार हूँ लेकिन आज मुझे एक साथ दो लंड से चुदवाना है.
अर्जुन बोला- तुमको इतने पुलिस वाले चोदने आते हैं, मैं कहां कभी कुछ कहता हूँ!

मैंने कहा- नहीं, वह बात अलग है. उनसे मैं मन से नहीं चुदवाती हूँ. यह दूसरा वाला मर्द मुझे बहुत पसंद है और मैं तुम्हारे सामने उसके साथ चुदवाना चाहती हूँ.

मेरा पति काफी गुंडा प्रवत्ति का है और उससे आस पास के सभी डेरों के मर्द खौफ खाते थे.

वह गुर्रा कर बोला- दूसरा कौन है, बताओ. क्या वह दूसरा आदमी मेरे सामने तुम्हारी चुदाई के लिए तैयार हो जाएगा? उसकी इतनी हिम्मत है!
अर्जुन की बात में धमकी का पुट था.

मैंने कहा- देखो, यह सब मुझे अपने मज़े के लिए करना है. सेक्स के मैं कुछ भी कर सकती हूँ. दूसरा आदमी मेरा दोस्त सोने लाल है. वह मुझे कई बार चोद भी चुका है. सोने लाल का लंड मुझे बहुत अच्छा लगता है. वह जब जब चोदता है, तो मुझे बहुत मजा आता है. मुझे तो उसी के साथ रहने के लिए बेचैनी हो रही है मगर हम दोनों को एक साथ रखने के तुम्हें तैयार होना पड़ेगा, तभी संभव होगा.

तब अर्जुन ने समझ लिया कि मैंने पहले से ही एक लंड सैट कर रखा है और मैं उसी के साथ रहने के लिए जाने को तैयार हूँ.
वह हथियार डालते हुए बोला- चलो मैं तैयार हूँ, बुलाओ अपने दूसरे लंड को.

मैंने कहा- हां मैं उसको बुला लेती हूँ, पर समझ लेना कि किसी तरह का पंगा नहीं होना चाहिए … वर्ना मैं उसी के साथ चली जाऊंगी.
अब अर्जुन बोला- हां ठीक है बुलाओ उसे. हम दोनों एक साथ तुम्हारी चुदाई करके मजा लेंगे.

मैंने अपने यार सोने लाल को फोन किया और कहा- जानू, आज मेरे घर ही आ जाओ. आज तुम मेरे पति के साथ मेरे घर पर ही मेरी ले लेना. आज रात में बहुत ज्यादा मज़ा आएगा … आज मेरा दो लंड से एक साथ चुदवाने का सपना पूरा होने वाला है.
मेरे यार सोनेलाल ने भी हां कह दी.

अब मैं बहुत खुश हो गई थी कि मुझे बहुत मजा आएगा.
एक साथ दो मर्द मेरी चूत गांड को एक साथ चोदने वाले हैं.

कुछ ही देर बाद सोने लाल घर आ गया.
उसके आते ही मैंने फट से गेट खोला और सोनेलाल अन्दर आ गया.

मेरे पति और सोनेलाल ने हाथ मिलाए और अन्दर कुर्सी पर बैठ कर बात करने लगे.

मैंने दोनों के सामने दारू के कुल्हड़ रख दिए और दोनों शराब पीने लगे.
अन्दर जिधर बिस्तर लगा था, उधर मेरी बेटी काजल सो रही थी.

मैंने अन्दर जाकर अपनी जवान बेटी काजल को जगाया और उसको अलग कमरे में लेटने के लिए कह दिया.

अब हम तीनों साथ में दारू पीते हुए बात करने लगे.
जब मेरे पति अर्जुन और सोनेलाल ने दारू के पैग खत्म कर लिए तो सोनेलाल ने मेरे चूचों पर हाथ डालते हुए कहा- चल नंगी हो जा मेरी रांड … अब मेरे लौड़े को मजा दे.

उसकी बात सुनकर मैं झट से अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई और दोनों के सामने अपनी जवानी दिखाने लगी.
अर्जुन किसी गैर मर्द के सामने अपनी नंगी बीवी की चूत और चूचियां देख कर जरा संकोच कर रहा था.

यह उसके जीवन का शायद पहला मौका था जब मैं उसके सामने एक गैर मर्द के साथ नंगी थी.

ऐसे तो हमारे यहां औरतों को ग्रुप में नंगी करके चोदना आम बात है लेकिन अर्जुन ने मुझे आजतक किसी गैर मर्द के सामने नंगी नहीं देखा था.

मैंने अर्जुन की झिझक दूर करने के लिए उसके लंड को पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

यह देख कर सोनेलाल ने भी अपना लंड बाहर निकाला और मेरे पास आकर मुझे लंड पकड़ने के लिए बोला- ले साली भूरी इसको भी चूस!

हमारे डेरे की महिलाएं एकदम भूरी होती हैं और बाल सुनहले होते हैं तो हमको सभी लोग भूरी कहते हैं.
मैं उन दोनों के लंड चूसने लगी.

दस मिनट तक लौड़े चूसने के बाद अर्जुन और सोने लाल दोनों जोश में आ गए और दोनों ने मुझे उठाकर बेड पर लिटा दिया.
वे दोनों मेरी चूचियों को दबाने लगे और मसलने लगे.

कुछ ही देर में सोने लाल मेरी गांड में अपना मूसल लंड डालकर चोदने लगा.
उसने मुझे अपने लौड़े के ऊपर सैट किया हुआ था.

मेरी चूत खुली हुई थी.
मैं अपनी पीठ सोनेलाल की छाती पर टिकाए हुई गांड मरवा रही थी.

कुछ ही देर बाद अर्जुन ने सामने से आकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और मुझे आगे से चोदने लगा.
मेरे दोनों छेदों में धक्के लगने शुरू हो गए थे.

दारू के नशे में बिना किसी हिचक के अर्जुन भी घपाघप धक्के लगाने लगा.

मुझे एक साथ दो मर्दों से चुदवा कर बहुत अच्छा लग रहा था.
मेरे मुँह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी थीं.

मुझे लगने लगा था कि सब कुछ थम गया है.
मैं जोर जोर से चिल्लाए जा रही थी- आआह आहह हह … और जोरदार धक्का मारो आहह फाड़ दो मेरी गांड और बुर दोनों फाड़ दो ओह … मैया चुद गई मेरी आह!

कुछ देर बाद वे दोनों रुक गए और उन दोनों ने छेद बदल लिए.

अब अर्जुन गांड में लंड डाल कर पेलने लगा दिया और सोने लाल ने मेरी बुर में अपना मूसल डाल दिया.

वे दोनों ताबड़तोड़ चोदने लगे.
कुछ ही देर में उन दोनों ने खड़े होकर मुझे उछाल उछाल कर चोदना शुरू कर दिया और मैं उन दोनों के बीच में मस्ती से जोर जोर से चिल्लाए जा रही थी- आह चोदो … और चोदो मादर चोदो … मुझे बहुत मजा आ रहा है … चोदो बहन के लौड़ो … और चोदो … मुझे चोद दो … बड़ा करो मेरी गांड को … और बुर फाड़ दो … दोनों छेद फाड़ कर रख दो … रंडी की तरह चुदाई करके मजा लो दोनों … आहह उह मम्मी आआह.’

वे दोनों झड़ने वाले थे, तभी मैं झड़ गई और दोनों के लौड़ों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

दोनों मेरे मुँह में लंड डालकर चुसवाते हुए झड़ गए और उनके लंड की रबड़ी को मैं खा गई.
चुदाई के बाद हम तीनों मस्ती में बैठ कर दारू पीने लगे और बात करने लगे.

उसी वक्त मैंने देखा कि मेरी कुंवारी बेटी काजल सामने खड़ी अपने हाथ से अपनी चूचियां मसल रही थी और एक हाथ से अपनी चूत रगड़ रही थी.

मैं उसकी वासना को समझ गई और मैंने आज मन बना लिया कि इसकी सील भी तुड़वा ही देती हूँ.
वैसे भी यह आज नहीं तो कल किसी न किसी लंड से चुदेगी ही, तो क्यों न आज ही इसकी चूत का भोसड़ा बनवा दूँ.

अर्जुन बोला- आज तो हम लोग कुछ अलग ही दुनिया में चले गए थे.
सोने लाल बोला- भाई जी, मज़ा ऐसे ही लिए जाते हैं.
अर्जुन बोला- हां यार, आज मैं समझ गया कि मज़ा कैसे लिया जाता है.

हम तीनों ने मिलकर प्लान बनाया कि आज के बाद ऐसा हर हफ्ते दारू पीकर मस्ती करेंगे.

वे दोनों हंसी-ठट्ठा करने लगे और पड़ोस के डेरे की एक बहुत कंटीली भूरी औरत सलोनी की बात करने लगे.
सोने लाल उसको खूब चोदता था तो अर्जुन भी सलोनी की चूत चुदाई की बात करने लगा.

मैंने गुस्सा में कहा- साले भड़वो … आज रात तो मेरे चूचे पियो और मुझे चोदो. सलोनी से ज्यादा मजा मैं देती हूँ.
यह सुनकर वे दोनों फिर से चुदाई के लिए तैयार होने लगे.

मैंने दोनों के लौड़ों को पकड़ लिया और चूसने लगी.
वे दोनों मेरी चूचियों को दबाने लगे.

उन्होंने मेरे दोनों छेदों में लौड़े फिट किये और मेरी चुदाई करने लगे.
मुझे बहुत मस्ती आने लगी और मैं जोर जोर से आहह हहह उहह हहह चिल्लाती हुई कहने लगी- चोदो मुझे और जोर जोर से धक्का लगाओ आहह हहह उह हहहह.

मैंने तभी देखा कि गेट पर काजल फिर से खड़ी होकर मुझे चुदवाती हुई देख रही है.

उसे मैंने कुछ नहीं कहा और मैं उसे अपनी चुदाई दिखाती हुई मस्ती में चिल्लाए जा रही थी- आहह फाड़ दो मेरी गांड और बुर … दोनों फाड़ दो.’
तभी मैंने देखा कि अब काजल भी अपनी चूचियों को अपने हाथों से पकड़ कर दबा रही थी और धीरे धीरे आहह उहहह कर रही थी.

उसने अपना एक हाथ की एक उंगली को अपनी बुर में डाल लिया था और वह अपनी सील पैक बुर में उंगली करने लगी थी.

मैंने सोचा कि चलो मेरी चुदाई बहुत हुई अब आज काजल को चोदने के लिए इन दोनों को बोल ही देती हूं.

तभी मैंने सोचा कि काजल की चुदाई की कीमत भी ले लेना चाहिए, उसे पैसे लेकर चुदवा देती हूँ. इससे फायदा भी हो जाएगा.

मैंने सोने लाल से कहा- सोने लाल कुंवारी बुर चोदोगे?
वे दोनों यह सुनकर चौंक गए और बोले- हां हां … क्यों नहीं!

मैंने कहा- बीस हजार रुपए लगेंगे.
मेरी बात सुनकर सोने लाल कुछ कहता उससे पहले अर्जुन तैयार हो गया.

तभी सोने लाल बोला- भाई इतने पैसे तो मेरे पास नहीं हैं. मेरे पास 12-13 हजार होंगे. पर मैं पैसों की जगह मैं अपना फोन दे दूंगा.
मैंने कहा- ठीक है लाओ फोन ही दे दो. अर्जुन तुमको भी कुंवारी चूत चोदने के उतने ही पैसे देने पड़ेंगे.

वे दोनों लोग राजी हो गए और अर्जुन ने रुपए व सोने लाल ने अपना फोन दे दिया.
दोनों ने कहा- अब जल्दी से कुंवारी लड़की को लाओ.

मैंने काजल को इशारा कर दिया.
काजल भी नंगी होकर आ गई.

मुझे मालूम था कि अर्जुन की वासना भरी नजर मेरी बेटी काजल की जवानी पर गड़ी थी.
अर्जुन और सोने लाल काजल को साथ चोदने के लिए तैयार हो गए.

उन दोनों ने काजल को पकड़ लिया और वे दोनों उसकी कमसिन चूचियों को दबाने लगे.
कुछ ही देर बाद दोनों ने काजल को दारू पिला कर नशे में मस्त कर दिया और वे दोनों मिलकर काजल को चोदने लगे.

काजल को भी अपनी जवानी कुचलवाने में मजा आने लगा था.

फिर जैसे ही काजल की चूत और गांड में उन दोनों के लंड घुसे तो वह चीखने चिल्लाने लगी- आहह उहह मम्मी … आहह मर गई उहह मम्मी आह!
काजल को यह पता नहीं था कि उसकी बुर दोनों फाड़ देने वाले हैं.

बाद में वह भी अपनी चुदाई के मजा लेने लगी.

जब काजल चुदाई का मजा लेने लगी तो अर्जुन ने उससे पूछा- काजल बेटी, मज़ा आ रहा है?
काजल बोली- हां पापा, बहुत मज़ा आ रहा है आहह … आप दोनों मुझे मम्मी की तरह चुदाई करके मजा दो आहह!

यह सुनकर वे दोनों मेरी बेटी को उछाल उछाल कर चोदने लगे.
काजल भी मस्ती में चिल्लाने लगी- आआह मम्मी मरर गईई.

मैंने काजल के मुँह पर हाथ रख कर कहा- बस थोड़ा सा बर्दाश्त करने की कोशिश कर बेटी, तुम्हें खूब मज़ा आएगा.

तब मैंने अर्जुन और सोने लाल को इशारा किया कि अब इसकी सील टूट गई है, खून भी निकलने लगा है. तेज तेज धक्के देना शुरू करो.

वे दोनों तेज तेज धक्के लगाने लगे और काजल झड़ गई.
उसके बाद पहले सोनेलाल और बाद में अर्जुन भी झड़ गया.

तब काजल को मैंने इनाम में फोन पकड़ा दिया और पैसे खुद रख लिए.
काजल को मैंने अपने गले से लगा लिया.

वे दोनों साथ बैठे थे और दारू पीते हुए काजल को मसल रहे थे.
मैंने काजल को समझा दिया- आज से तुम अपने पापा की पत्नी बन गई हो.

काजल खुश हो गई और बोली- मम्मी आप बहुत अच्छी हो. आप सोने लाल अंकल के लिए और पापा के लिए भी अच्छी हो.
उसके बाद से चुदाई का यह खेल हमारे घर में रोज़ होने लगा है.

दोस्तो, कैसी लगी हमारी ओपन सेक्स इन द फॅमिली … जरूर बताएं.
चमेली की ओर से आप सबको नमस्ते.
lalanbhartiwriterlalan.bharti6@gmail.com

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